Dharamshala News: हिमाचल प्रदेश में ओबीसी वर्ग को शैक्षणिक आरक्षण दिए जाने को लेकर असंतोष बढ़ रहा है। भारतीय क्षत्रीय घृत बाहती चाहंग महासभा ने आरोप लगाया कि 20 जनवरी 2006 से प्रभावी 93वें संविधान संशोधन को राज्य में अभी तक लागू नहीं किया गया है। संगठन ने 20 सितंबर को कांगड़ा से धर्मशाला तक पैदल मार्च का ऐलान किया है।
ग्राम पंचायत मंदल में हुई बैठक
महासभा की धर्मशाला इकाई ने रविवार को ग्राम पंचायत मंदल में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। अध्यक्ष सुदर्शन अंगारिया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में महासचिव अशोक काजल और कोषाध्यक्ष मदन लाल चौधरी सहित बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित रहे। बैठक में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई।
19 वर्ष से लंबित मांग
संविधान के 93वें संशोधन में केंद्र और राज्य सरकारों के शैक्षणिक संस्थानों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण का प्रावधान किया गया था। महासभा के अनुसार इस प्रावधान को हिमाचल प्रदेश में आज तक लागू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि 19 वर्ष गुजर जाने के बाद भी यह मूलभूत मांग ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है।
दोनों दलों पर वादाखिलाफी का आरोप
महासभा ने भाजपा और कांग्रेस दोनों राजनीतिक दलों पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उनका कहना है कि प्रदेश की किसी भी सरकार ने ओबीसी वर्ग के हितों को गंभीरता से नहीं लिया। बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि मौजूदा परिस्थितियों में प्रदेश में एक थर्ड फ्रंट की आवश्यकता है।
20 सितंबर को पैदल मार्च
संगठन ने प्रदेश सरकार के विरोध में 20 सितंबर को कांगड़ा से धर्मशाला तक पैदल मार्च निकालने का निर्णय लिया है। इस दौरान एक विशाल रैली का आयोजन कर सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। रैली का संचालन ओबीसी संगठन के शौरभ और चौधरी रामलाल करेंगे। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक आरक्षण लागू नहीं होता।
