Dharamshala News: ओबीसी समुदाय ने शनिवार को कांगड़ा से धर्मशाला तक सामाजिक न्याय यात्रा निकाली। यह यात्रा उनकी 19 वर्षों से लंबित मांगों को लेकर आयोजित की गई। समुदाय ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उन्हें अधिकार नहीं मिले तो प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
ओबीसी संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया कि यह सिर्फ एक यात्रा थी लेकिन संघर्ष जारी रहेगा। कांगड़ा से चैतड़ू तक पैदल यात्रा की गई और फिर दाड़ी से धर्मशाला तक लोग गाड़ियों से पहुंचे। डीसी कार्यालय धर्मशाला तक पहुंचकर समुदाय ने एकजुटता दिखाई।
93वें संविधान संशोधन की मुख्य मांग
ओबीसी संघर्ष समिति के अध्यक्ष सौरभ कौंडल ने बताया कि उनकी मुख्य मांग 93वें संविधान संशोधन को लागू करना है। इस संशोधन में उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी छात्रों को 27 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। हिमाचल प्रदेश में यह अभी तक लागू नहीं हुआ है।
कौंडल ने आरोप लगाया कि पिछले 19 वर्षों से ओबीसी समुदाय को अंधेरे में रखा गया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों सरकारों ने इस संशोधन को लागू नहीं किया। समुदाय ने हमेशा शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रखी हैं।
20 सूत्रीय मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं
समुदाय ने सरकार को 20 सूत्रीय मांगों से अवगत कराया था लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसी के परिणामस्वरूप ओबीसी संघर्ष समिति का गठन किया गया। समिति के बैनर तले यह न्याय यात्रा निकाली गई।
कौंडल ने कहा कि अगर सरकार अब भी नहीं चेती तो अगला कदम क्या होगा यह अभी नहीं बताया जाएगा। अगले चरण में पूरे प्रदेश के ओबीसी समुदाय को एकजुट किया जाएगा। सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
थर्ड फ्रंट के सवाल पर कौंडल ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य अधिकारों की प्राप्ति है न कि राजनीतिक गठबंधन बनाना। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर समुदाय को लगता है कि उनकी अनदेखी हो रही है तो थर्ड फ्रंट बनाने का निर्णय समुदाय पर छोड़ दिया जाएगा।
