Himachal News: Himachal Pradesh के मंडी जिले में सुक्खू सरकार के तीन साल पूरे होने पर ‘जन संकल्प रैली’ का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू रैली में शामिल होने के लिए ऐतिहासिक पड्डल मैदान पहुंच चुके हैं। एक तरफ सरकार अपनी उपलब्धियों का जश्न मना रही है, तो दूसरी तरफ उसे विरोध का सामना भी करना पड़ा है। अपनी मांगों को लेकर नाराज नर्सें हाथों में पोस्टर लेकर रैली स्थल पर पहुंच गईं और सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।
कामगारों और महिलाओं को मिली सौगात
सीएम सुक्खू इस कार्यक्रम में Himachal Pradesh के कामगारों और महिलाओं के लिए खजाना खोलेंगे। वह कामगार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत 4,000 श्रमिकों को 15 करोड़ रुपये की राशि वितरित करेंगे। बोर्ड के चेयरमैन नरदेव सिंह कंवर ने बताया कि लाभार्थियों के खातों में पैसा सीधे जमा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 लाख 85 हज़ार महिलाओं की पेंशन 1,100 से बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दी गई है। जल्द ही 1,500 रुपये योजना का दूसरा चरण भी शुरू होगा।
दिल्ली से नहीं आया कोई बड़ा नेता
इस रैली में कांग्रेस हाईकमान का कोई बड़ा नेता शामिल नहीं हुआ है। मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी विदेश दौरे के कारण कार्यक्रम में नहीं आ पाए। भाजपा ने आपदा प्रभावित मंडी में जश्न मनाने पर सवाल उठाए थे। इसके बाद सरकार ने इसे ‘जश्न’ के बजाय ‘जन संकल्प रैली’ का नाम दिया। भीड़ जुटाने के लिए Himachal Pradesh भर से एचआरटीसी की करीब 1,100 बसें लगाई गई हैं।
विधायक बोले- आंवले जैसी हैं सुक्खू की योजनाएं
विधायक चंद्रशेखर ने सीएम की योजनाओं की तुलना आंवले से की है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार की योजनाओं का स्वाद बाद में पता चलता है। उन्होंने दावा किया कि कड़े फैसलों से Himachal Pradesh की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है। यह सरकार आपदा में 1.30 लाख की जगह 7 लाख रुपये तक मुआवजा दे रही है। वहीं, मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने रैली में 25 से 30 हजार लोगों के जुटने का दावा किया है। सरकार इस मंच से अगले दो साल का विजन भी जनता के सामने रख रही है।
