Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना के तहत व्यक्तिगत भूमि पर डंगा निर्माण की अनुमति दे दी है। यह फैसला प्रदेश में हाल की प्राकृतिक आपदाओं के बाद लिया गया है। इससे भूस्खलन और मिट्टी के बहाव को रोकने में मदद मिलेगी। ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिला अधिकारियों को इस योजना को तुरंत लागू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए पहले ही तकनीकी नक्शे और दिशा-निर्देश तैयार कर लिए थे। इन्हें केंद्र सरकार के समक्ष स्वीकृति के लिए रखा गया था। अब केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद जिला प्रशासन कार्यों को हरी झंडी दे सकता है। यह कार्य भूमि विकास की श्रेणी में आएगा। इससे किसानों की जमीन को प्राकृतिक क्षति से बचाने में सहायता मिलेगी।
जिला अधिकारियों को निर्देश
ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक राघव शर्मा ने सभी उपायुक्तों को पत्र जारी किया है। उन्होंने इस योजना को प्राथमिकता के साथ लागू करने को कहा है। कार्यों के स्वीकृति और क्रियान्वयन के दौरान तैयार तकनीकी मानकों का पालन सुनिश्चित करना होगा। सभी अधिकारियों को नियमित निगरानी करनी होगी। हर महीने की प्रगति रिपोर्ट विभाग को भेजनी होगी।
कार्यों के लिए विशेष प्रावधान
आपदा की स्थिति में ग्राम सभा की बैठक बुलाना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में उपायुक्त तुरंत कार्यों को स्वीकृति दे सकेंगे। ग्राम सभा, पंचायत समिति और जिला परिषद की औपचारिक मंजूरी बाद में ली जा सकती है। इस लचीले प्रावधान से आपदा प्रभावित किसानों को त्वरित राहत मिल सकेगी। कार्यों के लिए समयबद्ध तरीके से काम करना होगा।
वित्तीय नियम और सीमाएं
इस कार्य के लिए मजदूरी और सामग्री का अनुपात 60:40 रखा गया है। सामग्री का भुगतान वास्तविक मजदूरी के आधार पर किया जाएगा। प्रत्येक व्यक्तिगत लाभार्थी के लिए अधिकतम दो लाख रुपये तक का खर्च सीमा निर्धारित की गई है। इस राशि में मजदूरी और सामग्री दोनों शामिल होंगे। लाभार्थियों का चयन पारदर्शी तरीके से किया जाएगा।
दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया
कार्यों का पूरा दस्तावेजीकरण करना अनिवार्य होगा। इसमें कार्य की माप, भुगतान का विवरण और लाभार्थियों की जानकारी शामिल होगी। भूमि के रिकॉर्ड की प्रतियां भी फाइल में रखी जाएंगी। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और किसी तरह की अनियमितता की संभावना कम होगी। अधिकारी निर्धारित प्रारूप में ही रिपोर्ट तैयार करेंगे।
आपदा प्रबंधन में सहायक
हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी इलाके होने के कारण भूस्खलन एक बड़ी समस्या है। डंगा निर्माण से मिट्टी का कटाव रोकने में मदद मिलेगी। इससे किसानों की उपजाऊ भूमि को सुरक्षा मिलेगी। यह कदम आपदा प्रबंधन की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
