Shimla News: हिमाचल प्रदेश में पठानकोट-मंडी और कांगड़ा-शिमला फोरलेन निर्माण से प्रभावित लोगों के लिए नए नियम बनाए गए हैं। अब फोरलेन के 100 मीटर के दायरे में किसी भी निर्माण या पुनर्निर्माण के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से एनओसी लेना अनिवार्य होगा। यह नियम सुरक्षा और व्यवस्थित विकास के लिए लागू किए गए हैं।
नए नियमों की आवश्यकता
फोरलेन निर्माण से कई लोगों के घर और व्यापारिक प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं। जिनके पूरे भवन तोड़े गए, उन्हें मुआवजा मिल गया है। लेकिन आंशिक रूप से प्रभावित भवनों के पुनर्निर्माण के लिए अब नए नियम लागू होंगे। इसका उद्देश्य भविष्य में किसी तरह के खतरे से बचाना है।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग अधिकारी रसिक शर्मा के अनुसार, लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन मिलने के दो दिनों के भीतर एनओसी दे दी जाएगी। इस प्रक्रिया से जनता को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। नियमों का पालन करना सभी के हित में है।
सुरक्षा उद्देश्य
तेज गति वाली फोरलेन सड़कों के किनारे अनियोजित निर्माण से दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। नए नियमों से यह सुनिश्चित होगा कि सभी निर्माण योजनाबद्ध तरीके से हों। इससे नागरिकों की सुरक्षा भी बनी रहेगी और भविष्य में किसी तरह की समस्या नहीं आएगी।
प्रशासनिक दिशा-निर्देश
प्रदेश सरकार ने फोरलेन के साथ बनने वाले भवनों के लिए टीपीसी से मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय जनहित में लिया गया है। संबंधित क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को नियमों की जानकारी दी जा रही है। सभी से नियमों का पालन करने की अपेक्षा की गई है।
