Himachal News: हिमाचल प्रदेश में पहली बार सड़कों पर नो स्टॉपिंग जोन चिन्हित किए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाएगा। यह कदम बढ़ते सड़क हादसों और स्टंटबाजी पर नियंत्रण के लिए उठाया गया है।
पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को आदेश जारी किए हैं। उन्होंने नो स्टॉपिंग जोन चिन्हित करने और नियमों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। हर ब्लैक स्पॉट पर विशेष साइन बोर्ड लगाए जाएंगे।
मंडी में हुए ताजा सड़क हादसे के बाद यह फैसला लिया गया है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने बताया कि स्टंटबाजी पर पूरी तरह से नकेल कसी जाएगी। हाईवे और फोरलेन पर नियमित पेट्रोलिंग भी बढ़ाई जाएगी।
147 ब्लैक स्पॉट चिन्हित
हिमाचल प्रदेश में पहले से ही 147 ब्लैक स्पॉट और 1,643 वल्नरेबल स्पॉट्स की पहचान की गई है। ये ज्यादातर राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-22, एनएच-5 और एनएच-21 पर स्थित हैं। इनमें खतरनाक मोड़ और संकरी सड़कें शामिल हैं।
इन क्षेत्रों में भूस्खलन की भी अधिक संभावना रहती है। पुलिस ने फैसला किया है कि इन सभी स्थानों पर नो स्टॉपिंग और नो फोटोग्राफी के साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। इससे दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।
सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े
हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाएं एक गंभीर समस्या बनी हुई हैं। साल 2024 में कुल 2,107 सड़क हादसे दर्ज किए गए। इनमें 806 लोगों की मौत हुई और लगभग 3,000 लोग घायल हुए।
साल 2025 में जनवरी से अक्टूबर तक अनुमानित 1,600 से 1,800 हादसे हुए। इनमें 500 से अधिक लोगों की जान चली गई। मानसून सीजन में स्थिति और भी गंभीर हो गई।
जून से सितंबर 2025 के दौरान सड़क हादसों में 182 लोगों की मौत हुई। मंडी जिले में 24, कांगड़ा में 21 और चंबा में 22 मौतें दर्ज की गईं। ये तीनों जिले सबसे अधिक प्रभावित रहे।
पुलिस का मानना है कि नो स्टॉपिंग जोन और फोटोग्राफी प्रतिबंध से स्थिति में सुधार आएगा। यह कदम पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मददगार साबित होगा। हिमाचल प्रदेश में हर साल लाखों पर्यटक आते हैं।
नए नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस विभाग ने विशेष अभियान शुरू किया है। सभी जिला प्रशासन को इस दिशा में कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। आने वाले समय में सड़क सुरक्षा में सुधार की उम्मीद है।
