Himachal News: शिमला में एक महिला प्रशासनिक अधिकारी के साथ साइबर अपराध का मामला सामने आया है। उनके नाम और फोटो से फेसबुक पर कई फर्जी अकाउंट बनाए गए हैं। महिला अधिकारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। महिला पुलिस थाना की प्रभारी जांच कर रही हैं।
महिला अधिकारी ने शिकायत में बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने नाम से बने अकाउंट देखे। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बनी आपत्तिजनक फोटोग्राफ भी शामिल थीं। इसके बाद उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत की। महिला थाना बीसीएस ने बीएनएस की धारा 79 और आईटी एक्ट की धारा 67(ए) के तहत केस दर्ज किया है।
एआई तकनीक का गलत इस्तेमाल
मामले में डीपफेक और फेस मॉर्फिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर आधारित है। इस तकनीक से किसी व्यक्ति के चेहरे और आवाज को बदला जाता है। ऐसी फर्जी वीडियो और फोटो बनाई जाती हैं जो असली लगती हैं। इसका उपयोग लोगों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है।
साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अपराधी एआई तकनीक का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। वे लोगों को ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हैं। कई बार राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर गलत सूचनाएं फैलाई जाती हैं। इससे समाज में भ्रम और तनाव की स्थिति पैदा होती है।
पुलिस ने शुरू की जांच
पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। महिला थाना बीसीएस की टीम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जानकारी जुटा रही है। पुलिस फर्जी अकाउंट बनाने वालों की पहचान करने में जुटी है। टीम साइबर एक्सपर्ट्स की मदद ले रही है। जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद है।
साइबर विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उनका कहना है कि किसी भी वीडियो या फोटो पर तुरंत विश्वास न करें। पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच करें। बिना पुष्टि के किसी भी सामग्री को शेयर न करें। सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करते समय सावधानी बरतें।
सोशल मीडिया सुरक्षा के उपाय
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को कुछ सावधानियां बता रहे हैं। उनका कहना है कि प्रोफाइल को प्राइवेट रखना चाहिए। अजनबियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करनी चाहिए। निजी फोटो और वीडियो सार्वजनिक रूप से पोस्ट नहीं करने चाहिए। पासवर्ड मजबूत और यूनिक रखने चाहिए।
किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता चलने पर तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रिपोर्टिंग के विकल्प उपलब्ध हैं। पुलिस की साइबर सेल भी ऐसे मामलों में मदद करती है। समय पर शिकायत करने से अपराधियों को पकड़ना आसान होता है। सतर्क रहने से साइबर अपराधों से बचा जा सकता है।
बढ़ रहे हैं साइबर अपराध
हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पुलिस ने इनसे निपटने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। साइबर सेल को मजबूत किया जा रहा है। जनता को जागरूक करने के अभियान चलाए जा रहे हैं। स्कूलों और कॉलेजों में साइबर सुरक्षा पर सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई की जाती है। शिमला की इस घटना ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया है। प्रशासन ने गंभीरता से मामला लिया है। जल्द ही इसकी जांच पूरी करने की कोशिश की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
