Shimla News: हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद राज्य चयन आयोग (प्रक्रिया और संचालन) नियम-2024 को अधिसूचित कर दिया गया है। इन नए नियमों के तहत ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और बीपीएल श्रेणी के उम्मीदवारों को बड़ी राहत मिली है। अब वैध प्रमाण पत्र न होने पर उम्मीदवार शपथ पत्र देकर आवेदन कर सकेंगे। बाद में निर्धारित समय में वे अपने प्रमाण पत्र जमा कर सकेंगे।
आयोग ने परीक्षा आयोजन और उत्तीर्ण करने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। स्ट्रांग रूम की व्यवस्था करने का भी प्रावधान किया गया है। इस कमरे में परीक्षा से संबंधित सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखे जाएंगे। आयोग हमीरपुर से की जाने वाली सभी भर्तियों में ये नए नियम लागू होंगे।
विभागों के लिए नई प्रक्रिया
आयोग के माध्यम से भर्ती करवाने वाले विभागों, निगमों और पीएसयू को निश्चित समय सीमा के भीतर सूचना देनी होगी। आधिकारिक वेबसाइट पर एक ऑनलाइन इंटरफेस प्रदान किया जाएगा। इसके माध्यम से संबंधित विभाग अपना मांग पत्र प्रस्तुत करेंगे। वेब आधारित प्रणाली यह सुनिश्चित करेगी कि मांग पत्र तभी पूर्ण माना जाएगा जब सभी आवश्यक दस्तावेज जमा हो जाएंगे।
आवश्यक दस्तावेजों में भर्ती एवं पदोन्नति नियम, रिक्तियां भरने के लिए सक्षम अधिकारी का अनुमोदन और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज शामिल हैं। किसी भी प्रश्न के समाधान के लिए ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से निर्धारित समय सीमा में संवाद सचिव के स्तर पर संपर्क किया जा सकेगा। इससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता आएगी।
आवेदन और दस्तावेज प्रबंधन
ऑनलाइन भर्ती के लिए आवेदन की तिथि, न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता और अनुभव के मानदंड निर्धारित किए गए हैं। खेल और एनसीसी के दावों को प्रमाणित करने की प्रक्रिया भी स्पष्ट की गई है। प्रमाण पत्रों को जमा करवाने, स्वीकृत और अस्वीकृत करने के लिए मापदंड तय किए गए हैं। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
नई भर्तियों के लिए विज्ञापन जारी करने की प्रक्रिया भी नियमों में शामिल है। स्ट्रांग रूम में परीक्षा संबंधी रिकॉर्ड और सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने का प्रबंध किया जाएगा। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी परीक्षा नियंत्रक की होगी। इसकी दूसरी चाबी आयोग के अधिकृत अधिकारी के पास रहेगी।
ये नए नियम भर्ती प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित बनाएंगे। उम्मीदवारों के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल होगी। विभागों को समयसीमा का पालन करना होगा। आयोग की गतिविधियों में पारदर्शिता आएगी। इससे भर्ती प्रक्रिया में होने वाली देरी पर भी अंकुश लगेगा।
