Kullu News: कुमारसैन पुलिस थाना क्षेत्र में एक दुखद घटना घटी है। नेपाली मूल की एक महिला ने बुधवार को आत्महत्या कर ली। सपना नामक यह महिला अरुण मल्ला की पत्नी थी। वह करीब दो महीने पहले नेपाल से काम के सिलसिले में आई थी। यह दंपति कबानू कोटगढ़ के अभय श्याम के घर काम करता था। महिला ने अपने डेरे के पास एक नाशपाती के पेड़ से फंदा लगाकर जान दे दी।
घटना का क्रम
मंगलवार रात को सपना और उसके पति अरुण के बीच शराब को लेकर कहासुनी हुई। बुधवार सुबह करीब 6:15 बजे सपना को डेरे के बाहर बर्तन धोते देखा गया। इसके बाद वह डेरे से कहीं चली गई। जब वह लंबे समय तक नहीं लौटी तो उसके पति और स्थानीय लोगों ने उसे ढूंढना शुरू किया। सुबह करीब 8:15 बजे उसका शव डेरे से 50-70 मीटर दूर नाशपाती के पेड़ से लटका हुआ मिला। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की कार्रवाई
सूचना मिलते ही कुमारसैन पुलिस थाने की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। निरीक्षण के दौरान शव पर कोई चोट के निशान नहीं मिले। प्रारंभिक जांच के अनुसार मौत का कारण फंदा लगाना पाया गया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाने का निर्देश दिया। आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
परिवार की पृष्ठभूमि
सपना और उसका पति अरुण मल्ला नेपाल के मूल निवासी थे। वे दोनों रोजगार की तलाश में हिमाचल प्रदेश आए थे। उन्होंने कोटगढ़ के एक निवासी के घर नौकरी की थी। दंपति महज दो महीने पहले ही इस इलाके में आए थे। वे स्थानीय लोगों के साथ रह रहे थे। इस घटना ने पूरे इलाके में सदमा पैदा कर दिया है। लोग इस अप्रत्याशित घटना से हैरान हैं।
मामले की जांच
पुलिस ने मामले की विस्तार से जांच शुरू कर दी है। पीड़िता के पति अरुण मल्ला से पूछताछ की जा रही है। स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस घटना स्थल का गहन निरीक्षण कर रही है। आत्महत्या का कारण जानने का प्रयास किया जा रहा है। शराब को लेकर हुई कहासुनी इस घटना का तात्कालिक कारण प्रतीत होता है। पुलिस सभी पहलुओं पर गौर कर रही है।
मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता
इस तरह की घटनाएं मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करती हैं। पारिवारिक विवादों के समय मनोवैज्ञानिक सहायता की आवश्यकता होती है। विवादों का शांतिपूर्ण समाधान ढूंढना चाहिए। आत्महत्या जैसे कदम से पहले मदद लेनी चाहिए। समाज में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। ऐसे मामलों में परिवार और समुदाय की सहायता महत्वपूर्ण होती है।
