Himachal News: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में कश्मीरी फेरीवालों के साथ हुए विवाद ने राजनीतिक रूप ले लिया है। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा विधायक मीर मोहम्मद फयाज ने इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे कश्मीरी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
यह विवाद देहरा उपमंडल के गरली गांव में हुआ। दो कश्मीरी फेरीवाले सामान बेचने के लिए गांव में पहुंचे थे। एक स्थानीय युवक नरेश शर्मा ने उनसे परमिशन और पुलिस वैरिफिकेशन मांगा। जब वे यह दस्तावेज नहीं दिखा पाए तो उन्हें गांव से बाहर जाने को कहा गया।
वीडियो में क्या दिखा
वायरल हुए वीडियो में नरेश शर्मा को कश्मीरी फेरीवालों से सवाल जवाब करते देखा जा सकता है। वह उनसे पूछते हैं कि क्या उनके पास कोई हथियार है। उन्होंने फेरीवालों की तलाशी भी ली। युवक ने कहा कि गांव में हाल ही में एक तीन साल की बच्ची का अपहरण हुआ था।
इसके बाद उन्होंने फेरीवालों को गांव छोड़ने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि वे पुलिस वैरिफिकेशन लेकर आएं तो कोई समस्या नहीं होगी। वीडियो में फेरीवालों ने बताया कि वे पांच साल से नैहरन पुखर में रह रहे हैं।
विधायक ने क्या कहा
कुपवाड़ा विधायक मीर मोहम्मद फयाज ने इस घटना को सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने इसे दुखद ट्रेंड बताया। उनका कहना था कि कश्मीरी लोगों के साथ बाहर रोजी-रोटी कमाने जाने पर इस तरह का व्यवहार हो रहा है।
उन्होंने सवाल किया कि क्यों हर कश्मीरी को आतंकवाद की नजर से देखा जाता है। विधायक ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कश्मीरी नागरिकों की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
स्थानीय युवक का बयान
नरेश शर्मा ने बताया कि वह गांव के मंदिर में पुजारी हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें फेरीवालों से कोई एतराज नहीं है। लेकिन गांव में महिलाएं और बच्चियां अकेली रहती हैं इसलिए सुरक्षा जरूरी है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि वे केवल कश्मीरी फेरीवालों को ही नहीं रोकते। कोई भी बाहरी व्यक्ति बिना वैरिफिकेशन के गांव में नहीं आ सकता। उनका कहना था कि यह सुरक्षा उपाय सभी के लिए समान रूप से लागू होते हैं।
पुलिस ने क्या कहा
रक्कड़ पुलिस थाने के मुंशी विनोद ने बताया कि उन्हें इस मामले की कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि वे स्थानीय स्तर पर जांच करेंगे। देहरा के एसपी मयंक चौधरी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं थे।
पुलिस ने बताया कि अभी तक इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। हालांकि वे मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस ने स्थिति पर नजर बनाए रखी है और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
फेरीवालों का पक्ष
कश्मीरी फेरीवालों ने बताया कि वे पांच साल से नैहरन पुखर में रह रहे हैं। उन्होंने वहां दुकानदार देश राज के यहां किराए पर कमरा ले रखा है। उनके पास आधार कार्ड जैसे दस्तावेज हैं जो उनकी पहचान साबित करते हैं।
फेरीवालों का कहना था कि वे कानून का पालन करते हैं। उन्होंने किसी तरह की अनुमति के बारे में जानकारी नहीं दी। उनका व्यवसाय पूरी तरह से कानूनी है और वे किसी तरह की समस्या पैदा नहीं करते।
