Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के शहरी इलाकों में नागरिक सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बड़ी पहल की गई है। केंद्र सरकार ने राज्य में म्यूनिसिपल शेयर्ड सर्विस सेंटर्स की स्थापना के लिए 47.37 करोड़ रुपये की अनुदान राशि स्वीकृत की है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इसकी जानकारी दी। यह परियोजना 74 शहरी स्थानीय निकायों में लागू की जाएगी।
नागरिकों को मिलेंगी कई महत्वपूर्ण सेवाएं
ये सर्विस सेंटर नागरिकों को कई तरह की सुविधाएं प्रदान करेंगे। इनमें जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र, व्यापार लाइसेंस और पालतू जानवरों का पंजीकरण शामिल है। संपत्ति कर का भुगतान और कचरा बिल संग्रहण की सुविधा भी मिलेगी। शिकायत निवारण सेवाएं भी इन केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध होंगी। ये केंद्र पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तरह काम करेंगे।
वित्तीय स्वीकृति और धनराशि का वितरण
केंद्र सरकार इस राशि को दो किस्तों में जारी करेगी। स्वीकृति के समय 50 प्रतिशत राशि दी जाएगी। शेष राशि परिचालन शुरू होने के बाद मिलेगी। पहली किस्त के रूप में 23.68 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं। यह राशि केंद्रों की संस्थागत क्षमता मजबूत करने में मदद करेगी। परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है।
शहरी प्रशासन को मिलेगा लाभ
ये केंद्र शहरी निकायों के लिए भी उपयोगी साबित होंगे। इनमें लेखा, वेतन प्रबंधन और विक्रेता भुगतान जैसी गतिविधियों का केंद्रीकरण हो सकेगा। छोटे कस्बों में टैक्स और बिल संग्रहण जैसी सेवाएं घर-घर प्रदान की जाएंगी। इससे नगरपालिका प्रशासन अधिक कुशल और पारदर्शी बनेगा। डिजिटल सेवा वितरण को बढ़ावा मिलेगा।
स्वयं सहायता समूहों की भूमिका
परियोजना के कार्यान्वयन में स्वयं सहायता समूहों और गैर-सरकारी संगठनों को शामिल किया जाएगा। इन्हें वार्ड स्तर पर नगरपालिका सेवाओं के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी। इससे समावेशी कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा। सेवाओं की प्रभावी पहुंच बढ़ेगी। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
15वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के अनुरूप
यह परियोजना 15वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के तहत लागू की जा रही है। राज्य में कुल 15 केंद्रों की स्थापना की जाएगी। इससे सीमित जनशक्ति और वित्तीय संसाधनों की चुनौतियों का समाधान होगा। तकनीकी सहयोग की कमी भी दूर होगी। सरकार का उद्देश्य शहरी शासन को सुदृढ़ बनाना और डिजिटल सेवा वितरण को बढ़ावा देना है।
