Mandi News: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में लैंडस्लाइड के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से एक वरिष्ठ महिला मरीज की मौत हो गई। परिवार ने प्रशासनिक अधिकारियों पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। युवक ने दावा किया कि अधिकारी नशे की हालत में थे और उन्होंने मार्ग शीघ्र नहीं खुलवाया। वहीं एसडीएम ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए सुरक्षा को कारण बताया।
क्या हुआ था पूरा मामला
बुधवार की रात मंडी के नगवाई क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लैंडस्लाइड हुई। इस घटना के बाद चंडीगढ़-मनाली एनएच-3 बंद हो गया। गुरुवार सुबह मलबा हटाने का काम शुरू हुआ। इसी दौरान कुल्लू के बंजार निवासी नरेश पंडित अपनी बीमार मां को लेकर वहां फंस गए। उनकी मां की हालत गंभीर थी और वे उन्हें कुल्लू अस्पताल ले जा रहे थे।
परिवार की ओर से गंभीर आरोप
नरेश पंडित ने आरोप लगाया कि मौके पर मौजूद एसडीएम और एसएचओ ने उनकी बात नहीं सुनी। उन्होंने दावा किया कि अधिकारी नशे की हालत में थे। नरेश ने बताया कि उन्होंने करीब डेढ़ घंटे तक अधिकारियों से हाईवे खोलने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने मना कर दिया। आखिरकार विधायक के हस्तक्षेप के बाद ही उन्हें आगे जाने का रास्ता मिला।
मंडी पहुंचने पर हुई मां की मौत
विधायक की सिफारिश के बाद मरीज को एस्कॉर्ट के साथ मंडी के अस्पताल ले जाया गया। लेकिन मंडी पहुंचने पर उनकी मां की मौत हो गई। नरेश का कहना है कि अगर डेढ़ घंटे पहले उनकी मां को इलाज मिल जाता तो वह बच सकती थीं। मौत के बाद भी शव को घर ले जाने में परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
एसडीएम ने सभी आरोपों को किया खारिज
एसडीएम बालीचौकी देवीराम ने इन सभी आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने बताया कि लगातार पत्थर गिरने के कारण उस समय मार्ग से मलबा साफ करना सुरक्षित नहीं था। अधिकारियों ने मरीज को नजदीकी मंडी अस्पताल ले जाने की सलाह दी थी। बाद में मरीज को एंबुलेंस और पुलिस एस्कॉर्ट के साथ सुरक्षित रूप से मंडी भेजा गया।
