Kangra News: हिमाचल प्रदेश सरकार प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के मामले में अन्य राज्यों की तुलना में अधिक मुआवजा दे रही है। कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने यह जानकारी विधायक केवल सिंह पठानिया द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के जवाब में दी। प्रभावित लोगों को मुआवजे के लिए राजस्व प्रबंधन सिस्टम पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
मुआवजा प्रक्रिया और अधिकार
सरकार ने जिला उपायुक्तों को मुआवजा वितरण का अधिकार दिया है। यह कदम प्रक्रिया को तेज करने के लिए उठाया गया है। आपदा से प्रभावित लोगों को उपायुक्त कार्यालय के पोर्टल पर आवेदन करना होता है। इससे पारदर्शिता और त्वरित सहायता सुनिश्चित होगी।
पशुधन की हानि का आंकड़ा
कृषि मंत्री के अनुसार प्रदेश में अब तक प्राकृतिक आपदाओं से 1081 पशुओं की मौत दर्ज की गई है। यह संख्या बढ़ने की आशंका है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पोर्टल पर अब तक 13 लाख रुपये के नुकसान का ब्योरा दर्ज किया जा चुका है।
शाहपुर में बिजली गिरने की घटना
शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के धारकंडी इलाके में बिजली गिरने से एक सौ बीस भेड़-बकरियों की मौत हुई। इस घटना से स्थानीय किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। विधायक ने घटना की तुरंत जानकारी दी और मदद की मांग की।
मुआवजे में देरी की चुनौती
विधायक पठानिया ने मुआवजा प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं की ओर ध्यान दिलाया। मौजूदा नियमों के तहत पटवारी, पशुपालन अधिकारी और पुलिस की रिपोर्ट अनिवार्य है। पशुओं के पोस्टमार्टम में दो से तीन दिन लग जाते हैं। इस देरी के कारण किसानों को मुआवजा मिलने में परेशानी होती है।
प्रधान की रिपोर्ट को मान्यता की मांग
विधायक ने सरकार से अनुरोध किया कि प्रधान की रिपोर्ट को भी मान्यता दी जाए। इससे मुआवजा प्रक्रिया सरल और तेज हो सकेगी। किसानों को उनके नुकसान की तुरंत भरपाई हो सकेगी। सरकार इस सुझाव पर विचार कर रही है।
राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
हिमाचल प्रदेश सरकार आपदा पीड़ितों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है। अन्य राज्यों से अधिक मुआवजा राशि इसका प्रमाण है। सरकार का लक्ष्य प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाना है। नई प्रक्रिया से इस काम में मदद मिलेगी।
