Himachal News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार 18 अगस्त से शुरू हो रहा है। इस सत्र को लेकर विपक्षी भाजपा और सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपनी-अपनी रणनीतियां तैयार कर ली हैं। भाजपा ने रविवार को बैठक कर सरकार के खिलाफ मुद्दों को चिन्हित किया है।
क्या हैं विपक्ष के प्रमुख मुद्दे?
भाजपा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। पार्टी आपदा प्रबंधन में सरकार की विफलता, संस्थानों के स्थानांतरण, कर्मचारियों की मांगें, नशा तस्करी और भ्रष्टाचार के मामलों को उठाएगी। विधायक रणधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार आपदा राहत में भाई-भतीजावाद को बढ़ावा दे रही है।
कांग्रेस की तैयारी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सोमवार सुबह कांग्रेस विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में सरकार सत्र के दौरान अपनी रणनीति तय करेगी। सत्तापक्ष के विधायकों ने बताया कि वे विकास कार्यों और योजनाओं पर सरकार के प्रदर्शन को हाइलाइट करेंगे।
कौन से विधेयक होंगे पेश?
सत्र के पहले दिन कृषि मंत्री चंद्र कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक 2024 को वापस लेने का प्रस्ताव पेश करेंगे। इसके अलावा कई विधायक नियम 62 के तहत विभिन्न मुद्दों पर सदन का ध्यान आकर्षित करेंगे। इनमें प्राथमिक स्कूलों का दर्जा और बीपीएल चयन मापदंड शामिल हैं।
आपदा प्रबंधन पर होगी चर्चा
विधायक चंद्रशेखर, सुरेश कुमार और अन्य नेता प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान का मुद्दा उठाएंगे। विधायक जीतराम कटवाल प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की मांग करेंगे। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने आपदा राहत राशि का उचित उपयोग नहीं किया।
ऐतिहासिक सत्र
यह 14वीं विधानसभा का नौवां और राज्य के इतिहास का चौथा सबसे लंबा मानसून सत्र होगा। सत्र 18 अगस्त से 2 सितंबर तक चलेगा और इसमें 12 बैठकें होंगी। 1968 में दूसरी विधानसभा का 15 बैठकों वाला सत्र अब तक का सबसे लंबा मानसून सत्र रहा है।
