Shimla News: हिमाचल प्रदेश में मानसून की गति थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को भी छह जिलों में भारी बारिश का यैलो अलर्ट जारी किया गया है। बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में एक-दो स्थानों पर गर्जन के साथ भारी बारिश की संभावना है। सोमवार को दस जिलों में यैलो अलर्ट जारी किया गया था, लेकिन कुछ स्थानों पर हल्की फुल्की वर्षा ही हुई।
शिमला में बारिश और धुंध का मौसम बना रहा जहां दो मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। धर्मशाला में तीन मिलीमीटर और सुंदरनगर में 0.8 मिलीमीटर बारिश हुई। कांगड़ा में 0.2 मिलीमीटर जबकि जुब्बड़हट्टी में तीन मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। धौलाकुंआ में 0.5 और बजौरा में 1.5 मिलीमीटर बारिश हुई।
यातायात और बुनियादी ढांचे पर प्रभाव
राज्य में मानसून से हो रही दुश्वारियां लगातार जारी हैं। सोमवार को 108 संपर्क मार्ग यातायात के लिए बहाल किए गए थे। इसके बावजूद शाम तक तीन राष्ट्रीय राजमार्ग और 490 संपर्क मार्ग अवरुद्ध रहे। जिला कुल्लू में एनएच-03 और एनएच-305 बंद पड़े हैं। ऊना में एनएच-503ए भी यातायात के लिए बंद है।
कुल्लू जिले में 153 और मंडी जिले में 152 संपर्क मार्ग सर्वाधिक संख्या में बंद हैं। बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई है। 148 ट्रांसफार्मरों को दुरुस्त करने के बाद भी 352 ट्रांसफार्मर ठप्प पड़े हैं। पेयजल योजनाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। 21 योजनाओं को दुरुस्त करने के बाद भी 163 पेयजल योजनाएं बाधित चल रही हैं।
प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला
बीस जून से शुरू हुए मानसून सीजन में अब तक कई प्राकृतिक आपदाएं सामने आ चुकी हैं। भूस्खलन की 140 घटनाएं दर्ज की गई हैं। फ्लैश फ्लड की 97 घटनाएं हुई हैं। बादल फटने की 46 घटनाएं सामने आई हैं। इन आपदाओं के कारण राज्य को भारी नुकसान हुआ है।
मानसून के कहर ने जन-धन की भारी क्षति की है। अब तक 409 लोगों की मौत हो चुकी है। 473 लोग घायल हुए हैं जबकि 41 लोग अभी भी लापता हैं। राज्य को 4500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। बचाव अभियान लगातार जारी हैं।
सुंदरनगर, कांगड़ा, जोत और पालमपुर में मेघगर्जन की घटनाएं दर्ज की गईं। रिकांगपिओ में 44 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं। सेओबाग में 39 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाओं ने तबाही मचाई। मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने की सलाह दी है।
