Solan News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने सोलन जिले के घीड़ औद्योगिक क्षेत्र में 300 एकड़ भूमि के उपयोग की रणनीति को अंतिम रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस परियोजना पर विस्तार से चर्चा हुई। इसका लक्ष्य प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देना और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।
बैठक में तय हुआ कि इस विशाल भूभाग पर विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा। इसमें अबाधित विद्युत आपूर्ति, उन्नत जल प्रबंधन प्रणाली और हाई-स्पीड कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। इस आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का उद्देश्य उद्योगों की स्थापना के लिए एक सहज और आकर्षक माहौल तैयार करना है। यह पहल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।
पहले इस स्थान पर एक मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने की योजना थी, लेकिन अब एक व्यापक औद्योगिक विकास की रणनीति पर काम हो रहा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम ने बैठक में परियोजना के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। इससे समिति को निर्णय लेने में मदद मिली।
वित्तीय और प्रबंधन संबंधी समीक्षा
बैठक में विभिन्न विकास योजनाओं और उनसे जुड़ी वित्तीय एवं प्रबंधन संबंधी व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा की गई। मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने जोर देकर कहा कि सरकार औद्योगिक विकास को प्राथमिकता दे रही है। परियोजना की व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए सभी पहलुओं पर गंभीरता से विचार किया गया।
विस्तृत विचार-विमर्श के बाद समिति ने एक अंतिम लागत-लाभ विश्लेषण तैयार करने का निर्णय लिया। इस विश्लेषण रिपोर्ट को अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। यह कदम परियोजना की आर्थिक व्यवहार्यता को पुख्ता करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
रोजगार के अवसरों पर फोकस
इस परियोजना का एक प्रमुख उद्देश्य स्थानीय युवाओं और लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना है। एक मजबूत औद्योगिक ढांचा खड़ा होने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह के रोजगार पैदा होंगे। इससे राज्य के युवाओं को पलायन रोकने और स्थानीय स्तर पर ही अच्छे अवसर मिलने की उम्मीद है।
बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। निदेशक उद्योग डॉ. युनूस और एचपीएसआईडीसी के प्रबंध निदेशक ऋचा वर्मा ने भी अपने सुझाव दिए। उद्योग मंत्री ने सभी विभागों से तालमेल बनाकर काम करने का आह्वान किया।
इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार पारदर्शिता और दक्षता पर विशेष जोर दे रही है। अगली बैठक में लागत-लाभ विश्लेषण की रिपोर्ट आने के बाद परियोजना को अमली जामा पहनाने की प्रक्रिया और तेज होगी। इससे हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य में एक नए युग की शुरुआत होने की उम्मीद है।
