Shimla News: हिमाचल प्रदेश के मंत्री जगत सिंह नेगी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने प्रदेश को 1500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी। लेकिन राज्य सरकार को अभी तक इस राशि में से एक पाई भी नहीं मिली है। मंत्री ने कहा कि इस मानसून सीजन में राज्य को पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
नेगी ने बताया कि केंद्र सरकार की टीमों ने प्रदेश का दौरा कर नुकसान का मूल्यांकन किया था। लेकिन राहत के तौर पर अभी तक कोई वित्तीय सहायता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि सड़क मार्गों, कृषि और बागवानी भूमि को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है। भारी बारिश के कारण कई महत्वपूर्ण यात्राएं रोकनी पड़ी हैं।
पिछले वर्ष का रिकॉर्ड
मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 में आपदा के लिए भी केंद्र से पर्याप्त राशि नहीं मिली थी। उस समय प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से 500 करोड़ रुपये की राहत प्रदान की थी। नेगी ने भाजपा नेताओं पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि केंद्र ने करोड़ों रुपये की मदद जारी की है।
जान-माल के नुकसान के आंकड़े सामने रखते हुए नेगी ने बताया कि 20 जून से 19 सितंबर तक 427 लोगों की मौत हुई है। 651 पक्के मकान और 1012 कच्चे घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। 2287 पक्के और 4908 कच्चे मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 584 दुकानें और फैक्ट्रियां भी प्रभावित हुई हैं।
राज्य सरकार की राहत योजनाएं
नेगी ने विस्तार से बताया कि राज्य सरकार पूरी तरह से ध्वस्त हुए मकानों के मालिकों को 7 लाख रुपये का अनुदान दे रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सिर्फ 1.30 लाख रुपये देता है। प्रदेश सरकार कच्चे और पक्के घरों के आंशिक नुकसान के लिए एक-एक लाख रुपये दे रही है। दुकान और ढाबे के नुकसान पर भी एक लाख रुपये की सहायता दी जा रही है।
गौशाला क्षति के लिए 50 हजार रुपये और कृषि भूमि की क्षति के लिए 10 हजार रुपये प्रति बीघा की दर से मदद दी जा रही है। गाय-भैंस की मृत्यु पर 55 हजार रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है। घर के सामान के नुकसान पर 70 हजार रुपये और किरायेदारों के सामान की क्षति पर 50 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है।
बागवानी और रोजगार के प्रयास
मंत्री नेगी ने बताया कि सेब सीजन में अब तक बाजार में सवा दो करोड़ सेब की पेटियां पहुंच चुकी हैं। एमआईएस के तहत बागवानों से 67 हजार मीट्रिक टन सेब की खरीद की जा चुकी है। बागवानों की मांग पर यूनिवर्सल कार्टन को लागू किया गया है। उन्होंने पिछली भाजपा सरकार पर किसानों के विरुद्ध कार्रवाई का आरोप लगाया।
नेगी ने कहा कि पटवारी, जेई और पंचायत सचिव गांवों में जाकर नुकसान का आकलन कर रहे हैं। सभी जिलों को एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और मुख्यमंत्री राहत कोष से 270 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है। मनरेगा के तहत वर्ष 2023 में 1000 करोड़ रुपये और वर्ष 2024 में 500 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
विपक्ष पर हमला
मंत्री नेगी ने भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के लिए मिली धनराशि पर बड़े भाजपा नेता कुंडली मारकर बैठ गए। नेता प्रतिपक्ष लगातार झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने मंडी से सांसद पर आरोप लगाया कि उन्होंने राहत के तौर पर एक पैसा भी प्रभावितों की मदद के लिए नहीं दिया है।
