Himachal News: हिमाचल प्रदेश में नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के लिए बड़ी खबर है। अब उनका कार्यकाल ढाई साल नहीं, बल्कि पूरे पांच साल का होगा। ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में इससे जुड़ा संशोधन विधेयक पेश किया। यह विधेयक पास होते ही Himachal Pradesh के नगर निगमों में बार-बार चुनाव की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी। इससे शहर के विकास कार्यों में स्थिरता आएगी।
ढाई साल वाला नियम होगा खत्म
सरकार ने नगर निगम अधिनियम 1994 में बड़ा बदलाव किया है। पहले मेयर और डिप्टी मेयर केवल ढाई साल के लिए चुने जाते थे। इस वजह से एक ही कार्यकाल में दो बार चुनाव कराने पड़ते थे। नए संशोधन के बाद यह अवधि बढ़ाकर पांच साल कर दी जाएगी। सरकार ने विधेयक लाने से पहले इस संबंध में एक अध्यादेश भी जारी किया था। अब सदन से मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा।
इस्तीफे की स्थिति में क्या होगा?
संशोधन विधेयक में पद खाली होने की स्थिति के लिए भी नियम बनाए गए हैं। अगर मेयर इस्तीफा देते हैं या पद छोड़ते हैं, तो डिप्टी मेयर कार्यभार संभालेंगे। यह व्यवस्था तब तक रहेगी जब तक नया मेयर नहीं चुन लिया जाता। प्रशासन को एक महीने के भीतर खाली पद पर चुनाव कराना होगा। नया मेयर केवल बचे हुए कार्यकाल के लिए ही चुना जाएगा। इससे निगम का कामकाज प्रभावित नहीं होगा।
अब ‘कैग’ करेगा पैसों का हिसाब
वित्तीय पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। Himachal Pradesh में अब नगरपालिकाओं के खातों की जांच नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) करेंगे। यह ऑडिट अनिवार्य होगा ताकि पैसों के सही इस्तेमाल पर नजर रखी जा सके। इसके अलावा, अगर कोई नया वार्ड नगर निगम में शामिल होता है, तो वहां के सदस्य अपना बचा हुआ कार्यकाल पूरा कर सकेंगे।
