शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: कुल्लू के झनियार गांव में भीषण आग से तबाही, कई घर जलकर खाक

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में सोमवार को एक भीषण आग की घटना हुई। तीर्थन घाटी स्थित ग्राम पंचायत नोहांडा के झनियार गांव में अचानक लगी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। लपटों ने देखते ही देखते कई आवासीय मकानों को अपनी चपेट में ले लिया। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार आग की शुरुआत दो मकानों से हुई थी।

लकड़ी से निर्मित घर और सर्दियों के लिए संग्रहित लकड़ी व घास ने आग को भड़काने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये सभी सामग्री आग के लिए ईंधन का काम कर गई। स्थानीय निवासी अपने स्तर पर आग पर काबू पाने में पूरी तरह विफल रहे। लपटें तेजी से पूरे गांव में फैलती चली गईं।

पारंपरिक वास्तुकला ने बढ़ाई समस्या

गांव केअधिकांश मकान पारंपरिक ‘काष्ठकुणी’ शैली में बने हुए थे। यह शैली लकड़ी के व्यापक उपयोग पर आधारित है। लकड़ी के इन घरों ने आग को तेजी से फैलने में मदद की। ग्रामीणों ने बताया कि आने वाले सर्द मौसम के लिए घरों में लकड़ी और घास का भंडार किया हुआ था।

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इस भंडार ने आग की तीव्रता को कई गुना बढ़ा दिया। आग की लपटें इतनी ऊंची उठ रही थीं कि ग्रामीण घबरा गए। उनके पास आग से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन भी नहीं थे। स्थानीय लोगों ने आपसी सहयोग से आग बुझाने का प्रयास किया पर सफलता नहीं मिली।

दुर्गम इलाका बना रहा बाधा

इस त्रासदीका एक प्रमुख कारण गांव का दुर्गम geographical location रहा। झनियार गांव सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ नहीं है। इस कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ियां घटनास्थल तक समय पर नहीं पहुंच पाईं। आग लगने की सूचना मिलने के बाद भी मदद में देरी हुई।

जब तक राहत और बचाव दल गांव तक पहुंचते, तब तक आग ने व्यापक रूप ले लिया था। गांव का एक बड़ा हिस्सा लपटों की चपेट में आ चुका था। इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में आपातकालीन सेवाओं की पहुंच की चुनौती को उजागर किया है।

संपत्ति का भारी नुकसान

इस भीषण अग्निकांड मेंलगभग एक दर्जन मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। इन घरों में रहने वाले कई परिवार अब बेघर हो गए हैं। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। घटना में जानमाल का नुकसान न होना एक राहत की बात है।

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राजस्व विभाग की टीमें मौके पर पहुंचकर नुकसान का आकलन कर रही हैं। वे प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए आवश्यक कदम उठा रही हैं। प्रशासन ने तत्काल राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। सभी संबंधित विभागों को सक्रिय कर दिया गया है।

प्रशासन ने शुरू किए राहत कार्य

आग कीसूचना मिलते ही प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की। उच्च अधिकारियों ने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। इनमें रहने और खाने की तात्कालिक व्यवस्था शामिल है। स्थानीय प्रशासन पूरी तरह से मोबिलाइज हो गया है।

राहत शिविर स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। आपदा प्रबंधन टीमें मौके पर कार्यरत हैं। प्रभावित लोगों को चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराई जा रही है। प्रशासन ने पुनर्वास के लिए भी योजना बनाना शुरू कर दिया है।

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