Himachal News: Himachal Pradesh के मंडी जिले में पुलिस ने नशे के सौदागरों की कमर तोड़ दी है। पिछले एक साल के अंदर पुलिस और प्रशासन ने मिलकर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 जनवरी से 30 नवंबर तक नशे के काले कारोबार के खिलाफ सैकड़ों मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने भारी मात्रा में चरस, हेरोइन और अवैध शराब पकड़ी है। यह कार्रवाई देवभूमि को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
60 किलो चरस और हेरोइन बरामद
Himachal Pradesh पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत कुल 297 मामले दर्ज किए हैं। इस दौरान पुलिस ने रिकॉर्ड 60 किलोग्राम चरस बरामद की है। इसके अलावा 1.079 किलोग्राम हेरोइन (चिट्टा) और 1.323 किलोग्राम अफीम भी पकड़ी गई। पुलिस की सख्ती यहीं नहीं रुकी। टीम ने 2.658 किलोग्राम गांजा, नशे की 1686 गोलियां और 5 ग्राम एमडीएमए भी जब्त किया। खेतों और जंगलों में लहलहा रहे 3.67 लाख भांग और 1.61 लाख पोस्त के पौधों को भी मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।
लाखों मिलीलीटर अवैध शराब पर भी चला डंडा
सिर्फ ड्रग्स ही नहीं, अवैध शराब पर भी Himachal Pradesh पुलिस ने शिकंजा कसा है। आबकारी अधिनियम के तहत पुलिस ने 342 मामले दर्ज किए। इस कार्रवाई में करीब 60.96 लाख मिलीलीटर अंग्रेजी शराब और 31.72 लाख मिलीलीटर देसी शराब जब्त की गई। इसके अलावा, राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने भी अलग से 125 केस दर्ज किए। उन्होंने भी भारी मात्रा में अंग्रेजी और देसी शराब के साथ-साथ अवैध लाहन बरामद किया। बीयर और अवैध शराब का यह जखीरा तस्करों के लिए बड़ा झटका है।
डीसी ने दिए सख्त निगरानी के आदेश
Himachal Pradesh में नशे को जड़ से खत्म करने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। मंडी के उपायुक्त (DC) अपूर्व देवगन ने जिला स्तरीय समन्वय समिति की एक अहम बैठक ली। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि वे आबकारी अधिकारियों के साथ मिलकर काम करें। डीसी ने साफ कहा कि अपने इलाकों में नियमित जांच बहुत जरूरी है। बैठक में पुलिस, खाद्य सुरक्षा और आबकारी विभाग के बीच बेहतर तालमेल बनाने पर जोर दिया गया।
संयुक्त निरीक्षण से रुकेगा अपराध
उपायुक्त ने कहा कि विभागों को आपस में सूचनाएं साझा करनी चाहिए। इससे छापेमारी और भी ज्यादा प्रभावी होगी। उन्होंने पिछले कुछ महीनों में आबकारी विभाग द्वारा किए गए काम की तारीफ भी की। बैठक में एएसपी अभिमन्यु वर्मा, आबकारी अधिकारी अरविंद शर्मा, ड्रग इंस्पेक्टर पवन ठाकुर और खाद्य सुरक्षा अधिकारी एलडी ठाकुर मौजूद रहे। जिले के सभी एसडीएम भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस रणनीति का हिस्सा बने।
