Himachal News: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा की परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला झंडूता में ड्राइंग विषय की परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में गंभीर छेड़छाड़ की गई। यह मामला तब उजागर हुआ जब मेधावी छात्राओं ने आरटीआई के तहत अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की प्रतियां मंगवाईं।
छात्राओं ने बताया कि उन्हें अन्य विषयों में नब्बे प्रतिशत से अधिक अंक मिले। लेकिन ड्राइंग विषय में उन्हें सत्तर से बहत्तर अंकों पर रोक दिया गया। पुनर्निरीक्षण के बाद भी उनके अंकों में केवल एक अंक की वृद्धि हुई। इस पर संदेह होने पर छात्राओं ने आरटीआई का सहारा लिया।
उत्तर पुस्तिकाओं में हुई छेड़छाड़
जब छात्राओं को उत्तर पुस्तिकाओं की प्रतिलिपि मिली तो वे हैरान रह गईं। उनके द्वारा लिखे गए सही उत्तरों को काटा गया था। उनकी जगह गलत उत्तर लिख दिए गए थे। छात्राओं का आरोप है कि कम से कम ग्यारह विद्यार्थियों की कॉपियों के साथ ऐसी छेड़छाड़ हुई है।
इनमें से चार छात्राओं की आरटीआई रिपोर्ट आ चुकी है। बाकी की रिपोर्ट का इंतजार है। मामला झंडूता परीक्षा केंद्र के अधीन राजकीय उच्च पाठशाला ज्योरा की छात्राओं से जुड़ा है। छात्राओं और अभिभावकों ने इसकी शिकायत की है।
बोर्ड ने शुरू की जांच
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने प्रारंभिक जांच शुरू की है। जांच में पाया गया कि उत्तर पुस्तिकाओं को सील करने वाले टैंपर-प्रूफ लिफाफे के साथ छेड़छाड़ हुई है। हर परीक्षा केंद्र को एक यूनिक आईडी नंबर वाला विशेष लिफाफा दिया जाता है।
झंडूता केंद्र से भेजे गए लिफाफे का यूनिक आईडी नंबर बोर्ड के आधिकारिक रिकॉर्ड से मेल नहीं खाता। इससे साफ पता चलता है कि गड़बड़ी परीक्षा केंद्र और कलेक्शन सेंटर के स्तर पर हुई है। बोर्ड ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
फोरेंसिक जांच के आदेश
बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि बच्चों और अभिभावकों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। अब उत्तर पुस्तिकाओं की फोरेंसिक जांच करवाई जा रही है। इस संबंध में एसडीएम झंडूता से भी जवाब मांगा गया है। जल्द ही पूरे मामले का सच सामने आने की उम्मीद है।
प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है। बोर्ड ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की है। फोरेंसिक जांच से पूरी सच्चाई सामने आ सकेगी। इससे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी।
