शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: करुणामूलक नौकरियों में विधवा और निराश्रितों को मिलेगी प्राथमिकता, आय सीमा 3 लाख रुपये तक बढ़ाई

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Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने करुणामूलक आश्रितों की नियुक्ति के लिए संशोधित नीति जारी की है। नई नीति के तहत परिवार की वार्षिक आय सीमा 3 लाख रुपये कर दी गई है। प्रति व्यक्ति आय की बाध्यता 31 दिसंबर 2025 तक हटा दी गई है। इससे उन परिवारों को राहत मिलेगी जो मामूली अंतर से पात्र नहीं माने जाते थे। सरकार ने विधवाओं और अनाथ बच्चों को प्राथमिकता देने का प्रावधान किया है।

महत्वपूर्ण बदलाव

नई नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। पात्रता का मूल्यांकन अब आवेदन की तारीख पर किया जाएगा। यह प्रावधान सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप है। पांच प्रतिशत आरक्षित कोटे के अंतर्गत यदि पद रिक्त नहीं है तो छूट दी गई है। यह छूट 31 दिसंबर 2025 तक मान्य रहेगी। इससे लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे आवेदकों को लाभ मिलेगा। सरकार ने सभी विभागों को नई नीति लागू करने के निर्देश दिए हैं।

पदनामों में बदलाव

नई नीति में पदनामों को आधुनिक रूप दिया गया है। अनुबंध शब्द को हटाकर ‘जॉब ट्रेनी’ कहा जाएगा। ‘दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी’ की जगह ‘मल्टी टास्क वर्कर’ शब्द का प्रयोग होगा। क्लास-3 के निचले स्तर के पदों पर जॉब ट्रेनी के रूप में नियुक्ति दी जाएगी। क्लास-4 के पदों पर मल्टी टास्क वर्कर नियुक्त किए जाएंगे। क्लर्क पद की जगह अब जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी को शामिल किया गया है।

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करुणामूलक संघ की प्रतिक्रिया

करुणामूलक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार नई नीति से नाखुश हैं। उनका कहना है कि आय सीमा में वृद्धि तो की गई है लेकिन यह केवल 31 दिसंबर 2025 तक ही मान्य है। संघ ने आय सीमा को स्थायी रूप से निर्धारित करने की मांग की थी। पहले अस्वीकृत हुए मामलों को पुनर्विचार के लिए शामिल नहीं किया गया है। संघ का कहना है कि 3,432 करुणामूलकों ने अपने माता-पिता को खोया है। उन्हें बिना भेदभाव के नौकरी मिलनी चाहिए।

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विधवाओं और अनाथों को प्राथमिकता

सरकार ने विधवाओं और अनाथ बच्चों को विशेष प्राथमिकता दी है। इसके लिए शर्त है कि मृतक कर्मचारी की मृत्यु के समय विधवा की आयु 45 वर्ष से कम हो। यह प्रावधान युवा विधवाओं को सहायता प्रदान करेगा। अनाथ बच्चों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। सरकार का लक्ष्य इन आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह नीति सामाजिक सुरक्षा के उद्देश्य से बनाई गई है।

आगे की रणनीति

करुणामूलक संघ ने मुख्यमंत्री से मिलने की योजना बनाई है। वे नीति में और सुधार की मांग करेंगे। संघ चाहता है कि अस्वीकृत मामलों पर पुनर्विचार किया जाए। आय सीमा को स्थायी रूप से निर्धारित किया जाए। मृत्यु की तारीख की वरिष्ठता के आधार पर नौकरियां दी जाएं। संघ का कहना है कि नीति में कुछ सुधार हुए हैं लेकिन कई मांगें अधूरी रह गई हैं। वे शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलकर इन मुद्दों को उठाएंगे।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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