Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने तकनीकी शिक्षा विभाग को नए निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और पॉलिटेक्निक कॉलेजों को ग्रेडिंग सिस्टम से जोड़ने का आदेश दिया है। यह ग्रेड संस्थानों के नामांकन, प्रदर्शन और सुविधाओं के आधार पर दिया जाएगा।
मंगलवार को हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने खाली पड़े भवनों पर गहरी चिंता व्यक्त की। सात निर्मित भवन अभी तक उपयोग में नहीं लाए जा सके हैं। इन भवनों के सदुपयोग के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए।
खाली भवनों के उपयोग पर फोकस
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकारी धन की बर्बादी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वर्ष 2018 से 2023 के बीच 126.45 करोड़ रुपये की लागत से सात भवन बनाए गए थे। ये सभी भवन अभी तक खाली पड़े हैं। विभाग को इनके उपयोग की योजना बनानी होगी।
जनहित में इन भवनों का सर्वोत्तम उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने केवल निर्माण कार्य को पर्याप्त नहीं माना। उन्होंने भवनों के उपयोग और रखरखाव पर同等 ध्यान देने को कहा।
रिक्त पदों को भरने का आश्वासन
प्रदेश सरकार तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों में खाली पड़े पदों को भरेगी। मुख्यमंत्री ने इन संस्थानों को हर संभव सहायता देने का वादा किया। उन्होंने नए पाठ्यक्रम शुरू करने पर विशेष बल दिया। इससे छात्रों को अधिक अवसर मिल सकेंगे।
बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। अतुल करोहटा, सुनील शर्मा और अक्षय सूद ने भी अपने विचार रखे। सभी ने तकनीकी शिक्षा में सुधार के प्रयासों को支持 दिया।
नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने बिलासपुर जिले के बंदला स्थित हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में एमटेक ईवी-टेक पाठ्यक्रम शुरू करने की सराहना की। इस पाठ्यक्रम में 30 छात्रों के प्रवेश की स्वीकृति दी गई है। यह कोर्स भविष्य की तकनीकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है।
राज्य सरकार उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति तैयार कर रही है। ‘राज्य नवाचार और स्टार्टअप नीति-2025’ जल्द ही लागू की जाएगी। इससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
डिजिटल यूनिवर्सिटी की योजना
सरकार घुमारवीं में डिजिटल यूनिवर्सिटी स्थापित करने पर विचार कर रही है। इसके लिए 258 बीघा भूमि चिन्हित की जा चुकी है। यह यूनिवर्सिटी नवाचार, उद्यमिता और कौशल विकास पर केंद्रित होगी। इससे प्रदेश के शैक्षणिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव आएगा।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के कार्यों की भी समीक्षा की। हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार के निर्देश दिए गए। विभाग की कार्यक्षमता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
