Shimla News: Himachal Pradesh विधानसभा में बुधवार को रेरा संशोधन विधेयक 2025 पास हो गया। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सरकार ने इसे ध्वनिमत से पारित कराया। इस विधेयक के तहत रेरा अध्यक्ष चुनने वाली समिति में बड़ा बदलाव हुआ है। अब हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जगह मुख्य सचिव इस समिति के अध्यक्ष होंगे।
राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा बिल
विधेयक पारित होने के बाद अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। वहां से मुहर लगने के बाद ही यह Himachal Pradesh में लागू होगा। इससे पहले सदन में विपक्ष ने जमकर नारेबाजी की। भाजपा विधायकों ने बिल के विरोध में सदन से वॉकआउट कर दिया। उन्होंने सरकार से इस विधेयक को तुरंत वापस लेने की मांग की।
विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि रेरा एक केंद्रीय कानून है। इसमें बदलाव करना राज्य सरकार के अधिकार में नहीं आता है। विधायक रणधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि यह बदलाव किसी खास व्यक्ति के लिए किया जा रहा है। भाजपा ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं में ऐसा हस्तक्षेप ठीक नहीं है।
मुख्यमंत्री ने दिया कानूनी तर्क
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि समवर्ती सूची के विषयों में संशोधन का अधिकार राज्य को है। सीएम ने बताया कि Himachal Pradesh सरकार न्यायपालिका का पूरा सम्मान करती है। सुप्रीम कोर्ट ने रेरा मामले में कोई रोक नहीं लगाई है। मंत्री राजेश धर्माणी ने भी कहा कि भाजपा बेवजह अफसरों की निष्ठा पर शक कर रही है।
