Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में एक पुरानी परंपरा फिर से लौटने वाली है। राज्य सरकार ने स्कूलों में ‘तिथि भोजन’ योजना को दोबारा शुरू करने का फैसला किया है। अब आम लोग अपने जन्मदिन, शादी या सालगिरह पर स्कूली बच्चों को विशेष भोजन करवा सकेंगे। यह भोजन मिड-डे मील योजना के तहत ही दिया जाएगा। मुख्य सचिव संजय गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया है।
समाज को शिक्षा से जोड़ने की पहल
सचिवालय में आयोजित बैठक में अधिकारियों ने हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर चर्चा की। सरकार चाहती है कि समाज और स्कूलों के बीच का रिश्ता मजबूत हो। तिथि भोजन से बच्चों को अलग और पौष्टिक खाना मिलेगा। साथ ही, समुदाय के लोग अपनी खुशियां बच्चों के साथ बांट सकेंगे। शिक्षा विभाग अब इस योजना को फाइलों से निकालकर जमीन पर उतारने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए लोगों को जागरूक भी किया जाएगा।
स्कूल में ही बनेगा ताजा खाना
सरकार ने साफ किया है कि खाने की गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा। तिथि भोजन पूरी तरह मिड-डे मील के नियमों का पालन करेगा। खाना स्कूल के रसोइए (वर्कर) ही बनाएंगे। बाहर से बना हुआ भोजन लाने की अनुमति नहीं मिलेगी। अगर आप बच्चों को खाना खिलाना चाहते हैं, तो आपको स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) को आवेदन देना होगा। समिति ही खाने का मेन्यू और तारीख तय करेगी। हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग जल्द ही इसके विस्तृत नियम जारी करेगा।
केंद्र से मांगेंगे 76 करोड़ रुपये
बैठक में मिड-डे मील के बजट पर भी चर्चा हुई। हिमाचल प्रदेश सरकार केंद्र को पत्र लिखकर 76 करोड़ रुपये की अंतिम किस्त जारी करने की मांग करेगी। केंद्र सरकार ने इस साल के लिए 121 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया था। इसमें से 45 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। मुख्य सचिव ने किचन गार्डन योजना को भी बेहतर तरीके से चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की सेहत सबसे पहले है।
