Solan News: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। ड्रग विभाग ने क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में चल रहे एक जन औषधि केंद्र को सील कर दिया है। जांच में खुलासा हुआ कि यह केंद्र बिना किसी ड्रग लाइसेंस के अस्पताल परिसर के भीतर धड़ल्ले से चल रहा था। यह मामला स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल के गृह क्षेत्र का है, जिससे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है।
छापेमारी में खुली पोल
ड्रग विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि अस्पताल परिसर में नियमों को ताक पर रखकर दवाइयां बेची जा रही हैं। इस सूचना के आधार पर ड्रग इंस्पेक्टर प्रीति शर्मा और सुप्रिया शर्मा ने मौके पर अचानक दबिश दी। दस्तावेजों की जांच के दौरान टीम हैरान रह गई। केंद्र संचालक के पास दवा बेचने का कोई वैध लाइसेंस नहीं मिला। अधिकारी अब यह जांच कर रहे हैं कि आखिर यह अवैध केंद्र कब से संचालित हो रहा था।
60 प्रकार की दवाइयां जब्त
छापेमारी के दौरान टीम को मौके पर करीब 60 तरह की दवाइयां मिलीं। इन दवाओं को गैर-कानूनी तरीके से मरीजों को बेचा जा रहा था। विभाग ने मौके से तीन दवाइयों के सैंपल भरकर लैब में जांच के लिए भेजे हैं। इस गंभीर लापरवाही पर कड़ा एक्शन लेते हुए विभाग ने स्टोर संचालक करण कुमार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और दुकान को पूरी तरह सील कर दिया है।
विपक्ष ने उठाए सवाल
सरकारी अस्पताल में अवैध मेडिकल स्टोर चलने की खबर से राजनीति भी गरमा गई है। भाजपा ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। भाजपा नेताओं का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री के जिले में ऐसा होना गंभीर विषय है। उन्होंने सवाल उठाया है कि किसके संरक्षण में यह जन औषधि केंद्र बिना लाइसेंस के चल रहा था। विपक्ष ने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
