Shimla News: हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आपदा प्रबंधन पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने लापरवाही बरतने वाले ठेकेदारों के लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी है। साथ ही अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही है।
मंत्री ने कहा कि सड़क निर्माण के दौरान निकला मलबा चयनित स्थानों पर ही डंप किया जाए। जो ऐसा नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसी तरह के मलबे ने वर्षा के दौरान भारी तबाही मचाई थी।
प्रदेश सरकार बाधित सड़कों को खोलने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। अभी भी एक हजार से अधिक सड़कों पर यातायात बाधित है। बड़ी चुनौती उन सड़कों की है जिनके बड़े हिस्से बह गए हैं।
सेब बहुल इलाकों में सड़कों को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रति 20 किलोमीटर पर एसडीओ और जेई तैनात किए गए हैं। इससे सेब बागवानों को मंडियों तक पहुंचने में आसानी होगी।
सरकार ने नदी-नालों के 100 मीटर के दायरे में निर्माण पर प्रतिबंध लगाया है। यह निर्णय धर्मपुर बस अड्डे के बह जाने के बाद लिया गया है। भविष्य में इस नियम का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
मंत्री ने एनएचएआई के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बाधित राष्ट्रीय राजमार्गों को शीघ्र ठीक करने के निर्देश दिए। सड़कों की मरम्मत कार्य में तेजी लाने पर जोर दिया गया।
विक्रमादित्य सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 1500 करोड़ रुपये की सहायता के लिए धन्यवाद दिया। परंतु उन्होंने कहा कि आपदा के अनुपात में यह राशि पर्याप्त नहीं है। प्रदेश को अधिक आर्थिक सहायता की आवश्यकता है।
