Kullu News: रविवार को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के आशानी गांव में एक बड़ा भूस्खलन हुआ। गड़सा घाटी स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय का भवन एक बड़ी चट्टान गिरने से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। रविवार का दिन होने के कारण स्कूल बंद था और कोई छात्र या शिक्षक मौजूद नहीं था। इस वजह से एक बड़ा हादसा टल गया।
कैसे हुई घटना
घटना से कुछ देर पहले स्कूल के ऊपर वाली पहाड़ी से छोटे-छोटे पत्थर गिरने शुरू हुए। इसके बाद अचानक एक विशाल चट्टान टूटकर सीधे स्कूल की छत पर आ गिरी। चट्टान के वजन से छत फट गई और वह अंदर के कमरे में जा घुसी। इस भीषण टक्कर से स्कूल की एक दीवार पूरी तरह ढह गई और छत को भी भारी नुकसान पहुंचा।
स्कूल की हालत
चट्टान गिरने के प्रभाव से स्कूल का भवन पूरी तरह से इस्तेमाल के लायक नहीं रहा। कक्षा के अंदर रखे सारे सामान जैसे कुर्सियाँ, मेज और शैक्षणिक सामग्री भी नष्ट हो गई। तीन कमरों वाला यह भवन अब पढ़ाई करने योग्य नहीं बचा है। पहाड़ी से अभी भी और पत्थर गिरने का खतरा मंडरा रहा है।
बच्चों की पढ़ाई पर संकट
इस स्कूल में कक्षा पहली से पाँचवीं तक के 16 बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं। भवन के बर्बाद हो जाने से इन सभी बच्चों की पढ़ाई अचानक रुक गई है। उनके लिए अब तुरंत किसी दूसरी सुरक्षित जगह पर पढ़ाई की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती है। प्रशासन ने इस मामले में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
आंगनबाड़ी केंद्र भी प्रभावित
उसी स्कूल भवन के एक कमरे में एक आंगनबाड़ी केंद्र भी चलता था। उसमें लगभग 15 छोटे बच्चे दर्ज थे। इस हादसे से उनकी दिनचर्या भी बाधित हो गई है। कुल मिलाकर इस शिक्षण संस्थान से 31 बच्चों का भविष्य अब अनिश्चितता के घेरे में है। उनके माता-पिता भी बहुत चिंतित हैं।
पहले भी आ चुका है भूस्खलन
यह पहली बार नहीं है जब इस इलाके में भूस्खलन हुआ है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, साल 2012 में भी यहाँ पहाड़ी से पत्थर गिरे थे। हालाँकि, उस समय स्कूल भवन को कोई नुकसान नहीं पहुँचा था। इस बार भारी बारिश के कारण चट्टान के खिसकने की घटना हुई।
प्रशासन को सूचना
स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष केहर सिंह ने बताया कि उन्होंने तुरंत प्रशासन और शिक्षा विभाग को इस घटना की सूचना दे दी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए उनके लिए किसी दूसरी जगह वैकल्पिक व्यवस्था शीघ्र करनी होगी। ताकि बच्चों की पढ़ाई फिर से शुरू हो सके।
