Himachal News: मंडी सदर विधायक अनिल शर्मा की ड्रीम प्रोजेक्ट थाना प्लौन हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। 427 हेक्टेयर में बनने वाली इस 191 मेगावाट परियोजना की चपेट में करीब 45,000 पेड़ आएंगे। हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्मित इस प्रोजेक्ट के लिए वन विभाग को 800 हेक्टेयर भूमि दी जाएगी। परियोजना की कुल लागत 164.44 करोड़ रुपये से अधिक है, जो अब और बढ़ने वाली है.
परियोजना का लंबा इतिहास
थानाप्लौन परियोजना की घोषणा वर्ष 2009 में हुई थी। इसके मुख्य बांध का निर्माण थाना गांव में 108 मीटर की ऊंचाई तक किया जाना है। परियोजना का जलाशय मुख्य बांध से बिजणी तक लगभग 18 किलोमीटर के दायरे में फैलेगा। यह रणा खड्ड की तरफ 4.5 किलोमीटर और अरनोडी खड्ड में डेढ़ किलोमीटर तक विस्तारित होगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण में 249.19 बीघा निजी भूमि भी शामिल होगी.
वन विभाग को भूमि हस्तांतरण
हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड नेसरकारी भूमि को वन विभाग के नाम करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस संबंध में हाल ही में मंडी में एक बैठक भी आयोजित की गई। वन विभाग के उप अरण्यपाल वासु डोगर ने बताया कि थाना प्लौन परियोजना के लिए अनुमोदित भूमि अब वन विभाग के नाम की जाएगी। कुल 800 हेक्टेयर भूमि में से 600 हेक्टेयर मंडी मंडल में स्थित है.
पर्यावरणीय प्रभाव और वित्तीय प्रावधान
परियोजनाके निर्माण से प्रभावित होने वाले 45,000 पेड़-पौधों की अनुमानित लागत 16.12 करोड़ रुपये आंकी गई है। इन पेड़ों के कटने से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए पौधारोपण का व्यापक प्रबंध किया जा रहा है। कंपनी को परियोजना के लिए 164.44 करोड़ रुपये की राशि जमा करनी होगी। अनुमान है कि यह राशि अब पांच से सात प्रतिशत तक बढ़ सकती है.
भूमि अधिग्रहण की स्थिति
मंडीऔर जोगेंद्रनगर वन मंडल में बनने वाली इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। एचपीपीसीएल द्वारा भूमि के वन विभाग के नाम होने के साथ ही निर्माण कार्य को अंतिम रूप दिया जाएगा। परियोजना प्रबंधन द्वारा वन विभाग को दी जाने वाली अतिरिक्त भूमि से पर्यावरणीय क्षति की भरपाई का प्रयास किया जाएगा.
वन विभाग और परियोजना प्राधिकरण के बीच भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इस महत्वाकांक्षी थाना प्लौन परियोजना का निर्माण कार्य शुरू हो पाएगा। यह परियोजना क्षेत्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
