Himachal News: राज्य के सबसे बड़े हवाई अड्डे के विस्तार कार्य में देरी हो रही है। कांगड़ा जिले के गगल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं हो सकी है। इस कारण राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया की समय सीमा बढ़ा दी है। अब भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तीन जून 2026 तक का अतिरिक्त समय मिल गया है। प्रधान सचिव पर्यटन देवेश कुमार ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी की है।
यह विस्तार परियोजना एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत कुल 122.54.86 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है। यह भूमि कांगड़ा तहसील के दस और शाहपुर तहसील के चार गांवों में फैली हुई है। इस भूमि में निजी और सरकारी दोनों प्रकार की जमीनें शामिल हैं, जिससे प्रक्रिया जटिल हो गई थी।
पहले निर्धारित समय सीमा में भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा नहीं हो पाया था। इसी चुनौती को देखते हुए सरकार ने समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। इस नए समयसीमा से परियोजना को गति मिलने की उम्मीद है। अब अगले वर्ष तक इस प्रक्रिया के पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।
इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य गगल एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाना है। इसके लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष को एक पत्र भी लिखा गया है। इस पत्र में परियोजना में आ रही बार-बार की आपत्तियों के समाधान के लिए एक वरिष्ठ अधिकारियों की टीम को हिमाचल भेजने का अनुरोध किया गया था।
राज्य सरकार का दृष्टिकोण एक ऐसा आधुनिक हवाई अड्डा तैयार करना है जहां रात के समय भी विमानों की लैंडिंग संभव हो सके। साथ ही बड़े आकार के विमानों को भी उतारने और चढ़ाने की सुविधा उपलब्ध हो। यह उन्नति पर्यटन और आर्थिक विकास को नई गति देगी।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में अब तक राज्य सरकार लगभग 500 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है। यह राशि जमीन के मुआवजे और अन्य संबंधित कार्यों पर खर्च की गई है। यह निवेश राज्य सरकार की इस परियोजना के प्रति गंभीरता को दर्शाता है।
गगल एयरपोर्ट का यह विस्तार हिमाचल प्रदेश की कनेक्टिविटी को नए आयाम देगा। इससे पर्यटन उद्योग को विशेष लाभ मिलने की संभावना है। स्थानीय व्यवसाय और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि हो सकती है। एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पूरे क्षेत्र के आर्थिक परिदृश्य को बदल सकता है।
यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के बुनियादी ढांचे के विकास की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसके सफल क्रियान्वयन से राज्य की हवाई यात्रा की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। सरकार का प्रयास है कि यह हवाई अड्डा क्षेत्रवासियों और पर्यटकों के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान कर सके।
