Himachal News: मंडी और बिलासपुर जिलों में किरतपुर-नेरचौक फोर लेन परियोजना की स्थिति की जांच पूरी हो गई है। एनजीटी के निर्देशों का पालन करते हुए संयुक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि परियोजना क्षेत्र में अवैध खनन या असंगत पहाड़ी कटान नहीं पाया गया।
यह जांच शिकायतकर्ता अश्विनी कुमार सैनी बनाम राज्य हिमाचल प्रदेश की शिकायत पर की गई थी। संयुक्त समिति ने नौ और दस अप्रैल 2024 को दोनों जिलों में राष्ट्रीय राजमार्ग-21 के खंड का निरीक्षण किया। निरीक्षण में परियोजना के कार्यक्षेत्र का विस्तार से अध्ययन किया गया।
परियोजना की मूल जानकारी
किरतपुर-नेरचौक फोर लेन परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा क्रियान्वित की गई है। इसकी कुल लंबाई अठहत्तर दशमलव अट्ठाईस किलोमीटर है। इसमें तीस दशमलव तिरेपन किलोमीटर ब्राउनफील्ड और सैंतालीस दशमलव पचहत्तर किलोमीटर ग्रीनफील्ड शामिल है।
परियोजना को पर्यावरण स्वीकृति एक मार्च 2013 को मिली थी। परियोजना का कार्य पूरा हो चुका है और पांच सितंबर 2023 से यह जनता के लिए खोल दी गई है। एनएचएआई ने सभी आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त कर ली थीं।
निरीक्षण के प्रमुख निष्कर्ष
निरीक्षण के दौरान फोर लेन परियोजना क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अवैध खनन नहीं पाया गया। राइट ऑफ वे के भीतर असंगत पहाड़ी कटान की कोई घटना सामने नहीं आई। हालांकि कुछ निजी भू-खंडों पर सीमित खुदाई कार्य देखे गए।
यह खुदाई निजी व्यावसायिक या आवासीय प्रयोजनों के लिए की जा रही थी। संबंधित उपमंडलाधिकारियों ने ऐसे कार्यों को तुरंत रोक दिया। नियमानुसार कार्रवाई की गई और भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए।
मलबा निस्तारण की प्रक्रिया
निर्माण कार्य के दौरान उत्पन्न चार लाख घन मीटर अतिरिक्त मलबे का उचित निस्तारण किया गया। यह निस्तारण पर्यावरण स्वीकृति की शर्तों के अनुसार किया गया। भूमि स्वामियों की सहमति से मलबे को निजी भू-खंडों में समुचित रूप से निस्तारित किया गया।
एनएचएआई ने स्पष्ट किया कि परियोजना क्षेत्र के बाहर किसी भी प्रकार की कटाई नहीं की गई। परियोजना को लेकर हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सभी आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त थीं। सभी नियमों का पालन सुनिश्चित किया गया।
भविष्य की निगरानी व्यवस्था
जिला बिलासपुर और मंडी प्रशासन ने सभी उपमंडलाधिकारियों को मानक संचालन प्रक्रिया जारी की है। इसके तहत भविष्य में पहाड़ी कटान और मलबा निस्तारण की निगरानी की जाएगी। परियोजना पूर्ण होने के बाद अवैध खुदाई या खनन की कोई सूचना नहीं मिली है।
प्रशासन ने स्थानीय अधिकारियों को और सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। किसी भी प्रकार की अनियमितता की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। पर्यावरण संरक्षण के सभी मानकों का पालन करना जारी रखा जाएगा।
