Himachal News: Himachal Pradesh हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एक बड़ा नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने नेशनल हाइवे पर टोल वसूली को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखने के लिए समय की मांग की है। अदालत ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 मार्च को होगी।
केंद्र सरकार के अधिकार में दखल का आरोप
याचिकाकर्ता उतांश मोंगा ने Himachal Pradesh सरकार की टोल नीति पर सवाल उठाए हैं। उनके अनुसार, नेशनल हाइवे पर पूरा नियंत्रण केंद्र सरकार का होता है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने 1975 के एक्ट के तहत वहां टोल लगा दिए हैं। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार के पास नेशनल हाइवे पर टैक्स लेने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। यह संविधान के अनुच्छेदों का सीधा उल्लंघन है। इससे आम जनता और ट्रांसपोर्टर्स को भारी नुकसान हो रहा है।
इन टोल बैरियरों को हटाने की मांग
याचिका में Himachal Pradesh के कई प्रमुख टोल बैरियर बंद करने की मांग की गई है। इनमें परवाणू, गरामोड़ा और तुनुहट्टी टोल शामिल हैं। इसके अलावा कालाअंब, कंडवाल, बद्दी और मैहतपुर बैरियर पर भी रोक लगाने की अपील की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह वसूली पूरी तरह गलत है। इसे तुरंत प्रभाव से समाप्त किया जाना चाहिए ताकि लोगों को राहत मिल सके।
भाखड़ा-नंगल रोड पर भी विवाद
हाईकोर्ट में दायर याचिका में ग्वालथाई बैरियर का मुद्दा भी उठाया गया है। यह बैरियर भाखड़ा-नंगल रोड पर स्थित है। इस सड़क की देखरेख बीबीएमबी (BBMB) द्वारा की जाती है। याचिकाकर्ता के मुताबिक, Himachal Pradesh सरकार यहां भी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर वसूली कर रही है। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
