Himachal News: हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला में एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। इंडियन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी कांग्रेस द्वारा आयोजित यह तीन दिवसीय कार्यक्रम 21 से 23 नवंबर तक चलेगा। सम्मेलन की थीम ‘सस्टेनेबल टूरिज्म एंड वेलनेस’ रखी गई है। इस कार्यक्रम में दुनिया के दस देशों के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ भाग लेंगे।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन पहले सार्क देशों, फ्रांस और ब्रिटेन में आयोजित हो चुका है। इस बार इसका आयोजन अमेरिका में प्रस्तावित था लेकिन वैश्विक परिस्थितियों के कारण इसे धर्मशाला स्थानांतरित किया गया। यह निर्णय हिमाचल प्रदेश के लिए गर्व की बात है।
वैश्विक संस्थानों के विद्वान करेंगे भागीदारी
इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन मेंहावर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ शामिल होंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय, आगरा विश्वविद्यालय और पंजाब विश्वविद्यालय के शोधार्थी भी अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। विभिन्न वैश्विक संस्थानों के विद्वान पर्यटन के नए मॉडल और शोध परिणाम साझा करेंगे। इससे हिमाचल प्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
पर्यटन स्थलों पर भीड़ की चुनौती
कुलपतिप्रोफेसर बंसल ने हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर बढ़ती भीड़ पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने शिमला, मनाली और धर्मशाला जैसे स्थानों पर ओवरक्राउडिंग की समस्या को गंभीर बताया। उनका कहना था कि ऐसी स्थिति में हरित और सतत पर्यटन को अपनाना अनिवार्य हो गया है। सम्मेलन में इस समस्या के समाधान पर विस्तृत चर्चा होगी।
सतत पर्यटन के लिए रोडमैप तैयार
सम्मेलन मेंसस्टेनेबल टूरिज्म के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार किया जाएगा। पर्यावरण संतुलन बनाए रखने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श होगा। भारत और ब्रिटेन के बीच पर्यटन संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की जाएगी। बौद्ध पर्यटन में नए अवसरों की तलाश पर विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे।
इस सम्मेलन के निष्कर्षों से हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नीति को नई दिशा मिलेगी। शोध और नीति निर्माण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सतत पर्यटन मॉडल से पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा। पर्यटन स्थलों को भीड़ से राहत दिलाने के नए रास्ते खुलेंगे। यह सम्मेलन राज्य के पर्यटन उद्योग के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
