Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सरकारी राशन डिपो में दालों के दामों में अचानक वृद्धि हुई है। विभिन्न प्रकार की दालें छह रुपये से लेकर 18 रुपये तक महंगी हो गई हैं। इस माह से लोगों को बढ़े हुए दामों पर ही दालें उपलब्ध हो रही हैं। राज्य के 19 लाख से अधिक राशन कार्ड धारक इस महंगाई से प्रभावित होंगे।
राज्य में 80 प्रतिशत आबादी सस्ते राशन के डिपो पर निर्भर है। चार माह के अंतराल के बाद डिपो में दाल की आपूर्ति फिर से शुरू हुई है। लेकिन अब उपभोक्ताओं को पहले से अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है। बाजार मूल्यों से अभी भी डिपो की दालें सस्ती हैं।
विभिन्न दालों में हुई कीमत वृद्धि
एनएफएसए कार्ड धारकों के लिए मलका दाल 56 रुपये से बढ़कर 66 रुपये प्रति किलो हो गई है। दालचना की कीमत 66 से 72 रुपये और उड़द दाल 58 से 76 रुपये प्रति किलो हो गई है। एपीएल कार्ड धारकों के लिए मलका दाल 66 से 71 रुपये, दालचना 66 से 77 रुपये और उड़द दाल 68 से 81 रुपये हो गई है।
राज्य में कुल 19 लाख 40 हजार 968 राशन कार्ड धारक हैं। इनमें से 11 लाख 32 हजार 818 एपीएल कार्ड धारक हैं। सात लाख 46 हजार 34 से अधिक एनएफएस कार्ड धारक हैं। सभी को इस महंगाई का सामना करना पड़ रहा है।
चार माह बाद मिली दाल
पिछले चार महीनों से डिपो में दालों की आपूर्ति बाधित थी। इस महीने से दाल की सप्लाई फिर से शुरू हुई है। लेकिन अब यह दाल पहले से अधिक महंगे दामों पर उपलब्ध है। उपभोक्ताओं को इस बढ़ोतरी से निराशा हाथ लगी है।
बाजार में दालों के मौजूदा दामों से अभी भी डिपो की दालें सस्ती हैं। लेकिन यदि यही प्रवृत्ति जारी रही तो जल्द ही दोनों के दाम बराबर हो सकते हैं। इससे गरीब परिवारों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा।
आम जनता की जेब पर पड़ेगा असर
हिमाचल के डिपो में दालों के बढ़े दाम आम जनता की जेब पर सीधा असर डालेंगे। महंगाई पहले से ही लोगों को परेशान कर रही है। छह से अठारह रुपये तक की बढ़ोतरी घरेलू बजट को और कठिन बना देगी।
राज्य सरकार और खाद्य आपूर्ति विभाग से उम्मीद की जा रही है कि वे जल्द हालात की समीक्षा करें। जनता को राहत देने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने की मांग की जा रही है। लोगों को सस्ते दाम पर गुणवत्तापूर्ण राशन उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए।
