Mandi News: भारत की जनवादी नौजवान सभा और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने गाडागुसैन कॉलेज के लंबित भवन निर्माण और बन्जार गाडागुसैनी सड़क की दयनीय स्थिति पर तुरंत कार्रवाई की मांग की। संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो वे व्यापक जन आंदोलन करेंगे।
यह मांग पत्र संगठनों के राज्य अध्यक्ष महेंद्र राणा की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने दिया। प्रतिनिधिमंडल में एसएफआई कॉलेज अध्यक्ष साहिल कुमार समेत कई सदस्य शामिल थे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों के सामने अपनी चिंताओं को विस्तार से रखा। अधिकारियों ने मांग पत्र प्राप्त करने की पुष्टि की है।
गाडागुसैनी क्षेत्र का एकमात्र डिग्री कॉलेज एक दशक से अधूरा पड़ा है। कॉलेज भवन का निर्माण कार्य लगभग दस वर्षों से रुका हुआ है। भवन की संरचना से सरिया बिना शटरिंग के लटक रही है। लगातार मौसम की मार से अधूरा भवन अब धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है।
मंत्री के आश्वासन के बावजूद नहीं हुआ काम
लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह स्वयं इस स्थल पर आए थे। उन्होंने निर्माण कार्य तुरंत शुरू कराने का स्पष्ट आश्वासन दिया था। लेकिन मंत्री के दौरे को लगभग चार महीने बीत जाने के बाद भी कोई प्रगति नहीं दिखाई दी है। नौजवान सभा ने इस देरी पर गहरी नाराजगी जताई है।
सड़क की दुर्दशा से जनजीवन अस्त-व्यस्त
बन्जार गाडागुसैनी सड़क पर डीबरचाडी के पास हालात और भी गंभीर हैं। वहां सड़क का एक हिस्सा पूरी तरह से धंस गया है। स्थानीय लोगों ने अस्थाई रूप से लकड़ी का एक पुल बना रखा है। यह पुलिया इतनी संकरी है कि केवल पैदल यात्री या छोटे वाहन ही गुजर पाते हैं।
गाडागुसैन क्षेत्र सेब और सब्जी उत्पादन का एक प्रमुख केंद्र है। किसान मजबूरी में इसी कच्चे पुल से सब्जियों से लदी जीपों को निकालने को मजबूर हैं। इस खतरनाक हालात के चलते किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। सर्दियों के मौसम में यह खतरा और भी बढ़ जाता है।
सर्दी से पहले मरम्मत की जरूरत
क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है और सर्दियां शुरू होने वाली हैं। लोगों को अभी सर्दियों के लिए राशन और जरूरी सामान का इंतजाम करना है। टूटी सड़क के कारण यह काम बेहद मुश्किल हो गया है। संगठनों ने मांग की है कि सर्दी शुरू होने से पहले सड़क की मरम्मत पूरी कर ली जाए।
संगठनों ने स्पष्ट किया कि यदि जल्द ही भवन निर्माण शुरू नहीं हुआ तो वे आंदोलन पर उतरेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में होने वाले किसी भी आंदोलन की जिम्मेदारी पूरी तरह से लोक निर्माण विभाग की होगी। उनका मानना है कि विभाग के पास समाधान के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।
इस मुद्दे ने स्थानीय युवाओं और छात्रों में व्यापक असंतोष पैदा कर दिया है। वे शिक्षा और विकास के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार की मांग को लेकर एकजुट हो रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मांग को लेकर और प्रदर्शन हो सकते हैं। स्थानीय प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
