Solan News: हिमाचल प्रदेश में अवैध खनन का धंधा चलाने वाले माफिया ने पुलिस को सीधी चुनौती दी है। मानपुरा थाना क्षेत्र में एक टिप्पर चालक ने न सिर्फ अवैध खनन माल लेकर भागने की कोशिश की, बल्कि पुलिस जवान को बंधक बनाकर उसे जान से मारने की धमकी भी दी। घटना गुरुद्वारा मानपुरा के पास नेशनल हाईवे पर रात की गश्त के दौरान घटी।
पुलिस ने बिना नंबर प्लेट वाले एक हाईवा टिप्पर को रोककर चेक किया। जांच में वाहन में अवैध खनन सामग्री भरी हुई मिली। चालक की पहचान मदन लाल उर्फ मनीष के रूप में हुई, जो बद्दी तहसील के हाडाखुण्डी गांव का रहने वाला है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वाहन को जब्त करने का फैसला किया।
इसके बाद की घटनाक्रम ने मामले को गंभीर बना दिया। पुलिस जवान लक्ष्मी चंद को चालक के साथ वाहन में बिठाकर थाना ले जाया जा रहा था। तभी चालक ने पुलिस जवान को धमकाते हुए टिप्पर को तेज रफ्तार से भगाना शुरू कर दिया। वह थाने की बजाय सीधे अपने गांव की ओर मुड़ गया।
भागने के दौरान चालक ने एक और साहसिक हरकत की। उसने सड़क पर टिप्पर का जैक उठाकर अवैध खनन माल गिराना शुरू कर दिया। इसका मकसद पीछा कर रही पुलिस गाड़ियों का रास्ता रोकना था। इस हरकत से पुलिस का पीछा करना मुश्किल हो गया और सड़क सुरक्षा को भी खतरा पैदा हो गया।
जवान को दी जान से मारने की धमकी
चालक ने पुलिस जवान लक्ष्मी चंद को जान से मारने की धमकी देकर रास्ते में ही उतार दिया। इसके बाद वह टिप्पर लेकर फरार हो गया। सौभाग्य से जवान को कोई शारीरिक चोट नहीं आई। लेकिन टिप्पर के तेज रफ्तार से भागने के कारण कोई बड़ा हादसा हो सकता था।
पुलिस ने तुरंत घटना की सूचना पर कार्रवाई शुरू की। टिप्पर का पीछा किया गया और हाडाखुंडी इलाके में सर्च अभियान चलाया गया। लेकिन चालक ने चालाकी दिखाते हुए टिप्पर को गांव में न ले जाकर किसी अन्य अज्ञात दिशा में भगा लिया।
वाहन पर नंबर प्लेट न होने के कारण उसका पता लगाना और भी मुश्किल हो गया। इससे पुलिस की तलाश अभियान में बाधा आ रही है। पुलिस का मानना है कि यह पहले से संगठित अवैध खनन माफिया की सुनियोजित कार्रवाई हो सकती है।
पुलिस को चुनौती देने वाला यह पहला मामला नहीं
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पुलिस को चुनौती देने वाली यह पहली घटना नहीं है। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न इलाकों में अवैध खनन से जुड़े माफिया पहले भी पुलिस पर हमला कर चुके हैं। ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं जहां माफिया ने सीधे तौर पर पुलिस कर्मियों को निशाना बनाया है।
इस घटना ने अवैध खनन रोकथाम में तैनात पुलिस बल की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस जवानों के लिए ऐसे मामलों में निपटने के दिशा-निर्देशों पर पुनर्विचार की जरूरत है। विशेष रूप से रात के समय ऐसी कार्रवाईयों में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता है।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस थाना मानपुरा में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने सरकारी काम में बाधा, सरकारी कर्मी को कैद करने और खनन अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। इसमें अन्य संबंधित धाराएं भी जोड़ी गई हैं।
पुलिस प्रशासन ने टिप्पर और आरोपी चालक की तलाश के लिए विशेष टीम गठित कर दी है। टीम आरोपी के संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उसे कानून के शिकंजे में लाया जाएगा।
इस पूरे प्रकरण ने हिमाचल प्रदेश में अवैध खनन की बढ़ती समस्या को एक बार फिर उजागर कर दिया है। यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या केवल पुलिस कार्रवाई इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकती है। इसके लिए प्रशासनिक और नीतिगत स्तर पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
