Himachal News: हिमाचल प्रदेश के बागवानी विभाग ने फल उत्पादकों के लिए महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। सर्दियों के मौसम में कोहरे और पाले से फसलों को बचाने के उपाय सुझाए गए हैं। हमीरपुर जिले के बागवानी विभाग के उप निदेशक राजेश्वर परमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तापमान में गिरावट और बारिश की कमी से कोहरे की संभावना बढ़ गई है।
परमार ने फल उत्पादकों को आम, पपीता, लीची और अन्य पौधों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान रखने को कहा। कोहरे के कारण नमी कम हो जाती है और कम तापमान से पौधों की कोशिकाएं फट जाती हैं। इससे फसल की उपज पर बुरा प्रभाव पड़ता है। विभाग ने किसानों के लिए कई व्यावहारिक उपाय सुझाए हैं।
पाले से बचाव के उपाय
पाले से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए किसानों को नियमित सिंचाई करनी चाहिए। छोटे पौधों को पुआल से ढकना चाहिए और दक्षिण-पूर्वी हिस्से को धूप के लिए खुला छोड़ना चाहिए। शाम के समय सूखी पत्तियों और घास को जलाने से भी तापमान बढ़ सकता है। यह उपाय पाले के प्रभाव को कम करने में मददगार साबित होते हैं।
आम उत्पादकों के लिए विशेष सलाह दी गई है। उन्हें पौधों को नायलॉन की जाली से ढकना चाहिए। इस जाली में पचास प्रतिशत छाया होनी चाहिए। उचित मात्रा में पोटाश डालने से पौधों को कोहरा सहन करने में मदद मिलती है। यह उपाय फसल को नुकसान से बचा सकते हैं।
मिट्टी की देखभाल
गाय के गोबर में उर्वरक, नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश मिलाकर उसकी पट्टी बनानी चाहिए। इस पट्टी को लगातार लगाकर डालना चाहिए और मिट्टी व घास की गीली घास से ढक देना चाहिए। इस विधि से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और पौधों को पोषण मिलता है। यह पौधों को मजबूत बनाता है।
मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखना जरूरी है। घास की गीली घास से ढकने से मिट्टी में नमी बनी रहती है। इससे पौधों को पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। मिट्टी का तापमान भी संतुलित रहता है। यह सभी उपाय फसलों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
रासायनिक उपचार
पौधों के तनों पर कॉपर ऑक्सीक्लोराइड या बोर्डो मिश्रण का छिड़काव भी मददगार हो सकता है। यह रासायनिक उपचार पौधों को रोगों से बचाता है। यह पाले और कोहरे के प्रभाव से होने वाले नुकसान को कम करता है। किसानों को यह छिड़काव निर्धारित मात्रा में ही करना चाहिए।
रासायनिक उपचार करते समय सावधानी बरतनी जरूरी है। अधिक मात्रा में छिड़काव करने से पौधों को नुकसान हो सकता है। किसानों को विशेषज्ञों की सलाह लेकर ही यह उपचार करना चाहिए। समय-समय पर पौधों की जांच करते रहना भी आवश्यक है।
विशेषज्ञों की सलाह
बाग वानी विभाग के अधिकारी फल उत्पादकों को नियमित सलाह दे रहे हैं। वे किसानों को मौसम के अनुसार फसलों की देखभाल के तरीके बता रहे हैं। कोहरा खट्टे फलों के साथ-साथ आम, लीची, पपीता और अमरूद जैसे सदाबहार फलों के पौधों को भी प्रभावित करता है। इसलिए सभी प्रकार के फल उत्पादकों को सतर्क रहने की जरूरत है।
अधिकारी किसानों के साथ निरंतर संपर्क में रहते हैं। वे नई समस्याओं का समाधान खोजने में किसानों की मदद करते हैं। बागवानी विभाग की यह पहल फल उत्पादकों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रही है। किसान इन सलाहों का लाभ उठा रहे हैं।
