Himachal News: घुमारवीं सिविल अस्पताल ने स्वास्थ्य सेवाओं में इतिहास रच दिया है। अस्पताल में पहली बार सफल सी-सेक्शन (C-Section) डिलीवरी करवाई गई है। डॉक्टरों की टीम ने पहले ही दिन दो जटिल प्रसव मामलों को सफलतापूर्वक निपटाया। इसमें एक महिला 19 साल बाद मां बनी है। मंत्री राजेश धर्माणी ने इसे हिमाचल प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य क्रांति का परिणाम बताया है।
जटिल मामलों में डॉक्टरों ने दिखाई सूझबूझ
अस्पताल की टीम ने चुनौतीपूर्ण हालात में दो ऑपरेशन किए। बीएमओ डॉ. अनुपम शर्मा ने बताया कि पहला मामला टकरेड़ा की महिला का था। वह 19 साल बाद गर्भवती हुई थी। यह केस काफी संवेदनशील था। दूसरा मामला जोल-कुठेडा की महिला का था। उसके पेट में रसौली थी। इस कारण प्रसव बहुत जटिल हो गया था। डॉ. अनुपम शर्मा और डॉ. अभिनव गौतम की टीम ने सूझबूझ से काम लिया। अब दोनों महिलाएं और उनके नवजात शिशु पूरी तरह स्वस्थ हैं।
निजी मदद से मिले आधुनिक उपकरण
इस सफलता के पीछे आधुनिक उपकरणों का बड़ा हाथ रहा। मंत्री राजेश धर्माणी के निर्देश पर मोर्टल लैबोरेट्रीज ने मदद की। उन्होंने ऑपरेशन के लिए जरूरी मशीनें स्पॉन्सर कीं। अस्पताल के तकनीकी स्टाफ उमेश, पूजा, अंकुश और वार्ड स्टाफ ने भी अहम भूमिका निभाई। मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में ऐसी सुविधाएं बढ़ाना सरकार का लक्ष्य है। इससे मरीजों को बड़े शहरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
घर के पास मिलेगा बेहतर इलाज
मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि सरकार ‘आदर्श स्वास्थ्य संस्थान’ योजना चला रही है। इसका मकसद लोगों को घर के पास इलाज देना है। इससे गरीब परिवारों का पैसा और समय दोनों बचेगा। घुमारवीं अस्पताल की यह कामयाबी इस योजना का जीता-जागता सबूत है। सरकार ने पहले चरण में 34 अस्पतालों को अपग्रेड करने का फैसला लिया है।
सभी विधानसभाओं में सुधरेंगे अस्पताल
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में स्वास्थ्य ढांचा बदला जा रहा है। प्रदेश के सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में अस्पताल अपग्रेड हो रहे हैं। वहां गायनी, सर्जरी और बाल रोग विशेषज्ञ तैनात किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में यह योजना वरदान साबित होगी। घुमारवीं की यह सफलता आने वाले दिनों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मील का पत्थर बनेगी।
