Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार को वाइल्ड फ्लावर हॉल मामले में बड़ी कानूनी सफलता मिली है। उच्च न्यायालय ने मशोबरा रिजॉर्ट लिमिटेड से संबंधित मामले में राज्य के पक्ष में फैसला सुनाया है। इससे राज्य सरकार को 401 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त होगी। राज्य अब इस कंपनी का एकमात्र स्वामी बन गया है। तीन दशक से चल रया यह मामला अब राज्य के पक्ष में निपट गया है।
उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण निर्णय
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने 14 अक्टूबर 2025 को अपने आदेश में स्पष्ट किया। न्यायालय ने कहा कि राज्य संयुक्त उद्यम कंपनी की संपत्तियों का एकमात्र स्वामी है। कंपनी के बैंक में जमा 320 करोड़ रुपये राज्य को हस्तांतरित किए जाएंगे। इसके अलावा न्यायालय ने 25 करोड़ रुपये के अतिरिक्त भुगतान का भी आदेश दिया है। यह राशि मध्यस्थ निर्णय के अनुसार देय थी।
ईस्ट इंडिया होटल्स की शेयर होल्डिंग
संयुक्त उद्यम कंपनी में ईस्ट इंडिया होटल्स की पूरी शेयर होल्डिंग राज्य को मिलेगी। इसकी कीमत 13 करोड़ रुपये आंकी गई है। ईआईएच द्वारा जमा कराई गई 136 करोड़ रुपये की पूंजी में से केवल 50 प्रतिशत राशि वापस की जाएगी। इसका मतलब है कि ईआईएच को केवल 68 करोड़ रुपये ही मिलेंगे। शेष 68 करोड़ रुपये राज्य सरकार को लाभ के रूप में प्राप्त होंगे।
तीन दशक का कानूनी संघर्ष
यह कानूनी लड़ाई लगभग 30 वर्षों से न्यायालय में चल रही थी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के विशेष प्रयासों से मामले में तेजी आई। सर्वोच्च न्यायालय ने 20 फरवरी 2024 को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने वाइल्ड फ्लावर हॉल संपत्ति का कब्जा और स्वामित्व राज्य के पक्ष में स्थानांतरित किया। राज्य सरकार ने 31 मार्च 2025 को संपत्ति का भौतिक कब्जा प्राप्त कर लिया।
पिछली कानूनी सफलताएं
इससे पहले भी राज्य सरकार को कानूनी मामलों में सफलता मिली थी। कछम-वांगतू जलविद्युत परियोजना से रॉयल्टी के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य के पक्ष में फैसला दिया। न्यायालय ने जेएसडब्ल्यू एनर्जी कंपनी को 12 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत रॉयल्टी देने का आदेश दिया। इस निर्णय से राज्य को प्रतिवर्ष 250 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त आय हो रही है।
राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूती
इन कानूनी सफलताओं से हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बल मिलेगा। वाइल्ड फ्लावर हॉल मामले में मिली राशि से राज्य के विकास कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है। संपत्ति के पूर्ण स्वामित्व से राज्य सरकार को दीर्घकालिक लाभ प्राप्त होंगे। यह निर्णय राज्य सरकार की कानूनी रणनीति की सफलता को दर्शाता है। भविष्य में अन्य मामलों में भी इससे मदद मिलेगी।
