Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रदेश के गांवों में इंटरनेट सुविधा को लेकर कड़े निर्देश दिए हैं। अदालत ने मोबाइल कंपनियों और सरकार से कनेक्टिविटी बढ़ाने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य में इंटरनेट की स्थिति सुधारने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की। इस मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च 2026 को होगी।
जियो और बीएसएनएल ने पेश की रिपोर्ट
रिलायंस जियो ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में अपना हलफनामा दायर किया है। कंपनी ने बताया कि प्रदेश में 1609 साइटें सेवा देने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा 67 नई साइटें जोड़ने की योजना है। जियो ने अब तक 3488 4-जी और 1609 5-जी साइटें लगाई हैं। वहीं, बीएसएनएल ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने 835 गांवों तक 4-जी नेटवर्क पहुंचा दिया है। कोर्ट ने अगली बैठक के लिए एक न्याय मित्र भी नियुक्त किया है।
स्टोन क्रशर के नियमों पर सरकार को नोटिस
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने स्टोन क्रशर के नियमों के उल्लंघन पर भी सरकार को घेरा है। हमीरपुर के गलोड़ में एक स्टोन क्रशर को लेकर याचिका दायर की गई थी। आरोप है कि यह क्रशर आबादी से दूरी के नियमों का पालन नहीं कर रहा है। यह 2021 की अधिसूचना के खिलाफ है। अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। इस केस की अगली सुनवाई 23 फरवरी 2026 को होगी।
कर्मचारियों के वेतन पर एक हफ्ते का अल्टीमेटम
अदालत ने श्रम कल्याण अधिकारियों के वेतन मामले में भी सुनवाई की। नियमित होने के बाद भी इन कर्मचारियों को पुराना कॉन्ट्रैक्ट वाला वेतन मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकार को अंतिम मौका दिया है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने सरकार से एक हफ्ते में जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि लेवल-16 का नया वेतन क्यों नहीं जारी किया गया। इसकी अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।
