शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: पंचायत चुनाव विलंब पर हाईकोर्ट ने सरकार और चुनाव आयोग से मांगा जवाब, 21 जनवरी तक प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पंचायती राज चुनावों में हुई देरी को लेकर गुरुवार को महत्वपूर्ण सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। न्यायालय ने दोनों पक्षों को 21 दिसंबर तक अपना पक्ष स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

सरकार की तरफ से पेश महाधिवक्ता ने न्यायालय में एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 21 जनवरी तक पंचायत चुनाव प्रक्रिया शुरू कर देगी। इस बयान के बाद चुनावों को लेकर स्थिति स्पष्ट हुई है। मामला एक जनहित याचिका से संबंधित है।

याचिकाकर्ता के आरोप

याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में आरोप लगाया है कि राज्य सरकार की मंशा चुनाव समय पर करवाने की नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस संबंध में कोई अधिसूचना तक जारी नहीं की है। याचिकाकर्ता का मानना है कि सरकार जानबूझकर चुनाव में देरी कर रही है।

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इस कारण पंचायत प्रक्रियाएं प्रभावित हो रही हैं। याचिकाकर्ता के वकील मनदीप चंदेल ने बताया कि न्यायालय ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किए हैं। उन्हें 21 दिसंबर तक जवाब दाखिल करना होगा।

सरकार का पक्ष

सरकार की तरफ से महाधिवक्ता ने न्यायालय में पक्ष रखा कि 21 जनवरी तक चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को निर्धारित की गई है। विपक्ष लगातार सरकार पर चुनावों से भागने का आरोप लगा रहा है।

आठ अक्टूबर को राज्य सरकार ने पंचायत चुनावों को स्थगित करने का आदेश जारी किया था। आदेश में कहा गया कि प्रदेश में कनेक्टिविटी और सड़क संपर्क की स्थिति बेहतर होने के बाद ही चुनाव कराना संभव होगा।

आपदा को बताया कारण

सरकार ने अपने आदेश में हाल ही में आई आपदा के कारण हुए नुकसान का हवाला दिया था। आदेश में उल्लेख था कि कई जिलों में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। कई जिलों के डीसी ने भी इस संबंध में पंचायत राज सचिव को पत्र लिखा था।

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सरकार ने सुनिश्चित किया कि आम जनता और मतदान कर्मियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उनका उद्देश्य था कि कोई भी मतदाता अपने मतदान के अधिकार से वंचित न रहें। इसी कारण चुनाव स्थगित किए गए।

कानूनी आधार

हिमाचल प्रदेश सरकार ने मानसून के कारण हुए नुकसान और खराब सड़क हालात को देखते हुए यह फैसला लिया। यह आदेश मुख्य सचिव और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय गुप्ता द्वारा जारी किया गया। आदेश डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धारा 24(e) के तहत जारी हुआ।

न्यायालय ने इस मामले में सभी पक्षों को पर्याप्त अवसर दिया है। अब सरकार और चुनाव आयोग को 21 दिसंबर तक अपना जवाब दाखिल करना होगा। इसके बाद 22 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी।

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