Shimla News: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य के स्कूल शिक्षा निदेशक का वेतन रोकने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने एक अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किया। अदालत ने यह कदम निदेशक द्वारा पिछले अदालती आदेश का पालन न करने पर उठाया है। यह आदेश अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि 10 जून 2024 को अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया था। उस फैसले में राज्य सरकार को आठ सप्ताह के भीतर सहायता अनुदान का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन अंतिम फैसला आने के बावजूद अभी तक इस आदेश का पालन नहीं किया गया है।
दस साल से लंबित है मामला
यह मामला वर्ष 2014 से अदालत में लंबित चल रहा है। यह मामला उच्च वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में कार्यरत एसएमसी शिक्षकों से संबंधित है। याचिकाकर्ता ने अदालत को सूचित किया कि आदेश लागू करवाने के लिए उन्होंने दो निष्पादन याचिकाएं भी दायर की थीं। इसके बावजूद राज्य सरकार और संबंधित विभाग ने आदेश को लागू करने में देरी की।
अदालत ने इस टालमटोल को गंभीरता से लिया है। न्यायाधीश ने कहा कि अदालती आदेशों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वेतन रोकने का आदेश इसी गंभीरता को दर्शाता है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तारीख तय की है।
अदालत ने दिखाई सख्ती
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए यह कड़ा कदम उठाया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि अगर विभाग अदालती आदेशों का पालन नहीं करेगा तो और सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मामला शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
शिक्षा निदेशक के वेतन को रोकने का आदेश प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक संदेश है। यह संदेश है कि अदालती आदेशों की अवहेलना की कीमत चुकानी पड़ सकती है। अदालत ने विभाग को एक और मौका देते हुए अगली सुनवाई तक का समय दिया है।
