Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्राम रोजगार सेवकों को बड़ी राहत प्रदान की है। न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की अदालत ने आठ सितंबर को जारी नई अनुबंध अधिसूचना पर रोक लगा दी है। यह राहत 1081 याचिकाकर्ता कर्मचारियों को मिली है। अदालत ने राज्य सरकार और ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक को नोटिस जारी किए हैं।
राज्य सरकार ने मामले में जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है। अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी। लगभग 600 ग्राम रोजगार सेवकों ने संयुक्त याचिका दायर की थी। यह मामला शिवराज बनाम हिमाचल प्रदेश के नाम से दर्ज है।
नई अनुबंध व्यवस्था का विवाद
राज्य ग्रामीण विकास विभाग ने नई अनुबंध व्यवस्था लागू करने का प्रयास किया था। अधिसूचना के अनुसार सभी ग्राम रोजगार सेवकों, कंप्यूटर ऑपरेटरों और तकनीकी सहायकों को नया स्टैंडर्ड कॉन्ट्रैक्ट साइन करना था। कर्मचारी लंबे समय से नियमितीकरण और स्थायी नौकरी की मांग कर रहे हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें बार-बार अस्थायी अनुबंध पर रखा जा रहा है। इसीलिए वे नए अनुबंध का विरोध कर रहे थे। उनकी मुख्य मांग समय पर वेतन और स्थायी नौकरी की है। हाईकोर्ट के आदेश ने उन्हें अस्थायी राहत प्रदान की है।
ग्राम रोजगार सेवकों की लंबी लड़ाई
याचिका में बताया गया है कि ग्राम रोजगार सेवक वर्ष 2008 से पंचायत स्तर पर कार्यरत हैं। वे सरकारी योजनाओं का संचालन और तकनीकी कार्य करते हैं। वर्ष 2018 में विभाग ने उन्हें पूर्ण वेतन देना शुरू किया। तब से वे अपनी सेवाओं के नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से नियमित नौकरी के अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्हें हमेशा अनुबंध के आधार पर रखा जाता है। इससे उनके भविष्य में अनिश्चितता बनी रहती है। वे समान कार्य के लिए समान वेतन की भी मांग कर रहे हैं।
अदालती प्रक्रिया और भविष्य की कार्यवाही
हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर के लिए निर्धारित की है। इस बीच राज्य सरकार को चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करना होगा। अदालत ने केवल याचिकाकर्ताओं को ही अंतरिम राहत प्रदान की है। प्रदेश के अन्य ग्राम रोजगार सेवक इस राहत के दायरे में नहीं हैं।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वे अदालत के आदेश का पालन करेंगे। वे निर्धारित समय में अपना पक्ष रखेंगे। कर्मचारी संगठनों ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है। उनका मानना है कि यह उनके संघर्ष में एक महत्वपूर्ण जीत है।
ग्रामीण विकास विभाग की भूमिका
ग्राम रोजगार सेवक ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत कार्य करते हैं। ये कर्मचारी पंचायत स्तर पर विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनके कार्यों में तकनीकी सहायता और कंप्यूटर संबंधी कार्य शामिल हैं। ये कर्मचारी सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में सहायक होते हैं।
विभाग का मानना है कि नया अनुबंध व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाएगा। लेकिन कर्मचारी इसे अपने अधिकारों के हनन के रूप में देख रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच इस मुद्दे पर विवाद जारी है। अदालत का अगला फैसला इस मामले में निर्णायक साबित होगा।
