Shimla News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बीएड (आईसीडीओएल) पाठ्यक्रम के परिणाम तुरंत घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने महत्वपूर्ण तथ्य छिपाए हैं। अदालत ने नोट किया कि याचिका में यह नहीं बताया गया कि छात्रों को अभी शिक्षण अभ्यास पूरा करना है।
अदालत ने क्या कहा?
अदालत ने स्पष्ट किया कि केवल लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित होने से छात्र बीएड पाठ्यक्रम पूरा नहीं कर पाएंगे। याचिकाकर्ताओं ने यह जानकारी नहीं दी कि उन्हें अभी अनिवार्य शिक्षण अभ्यास पूरा करना है। इसके बाद अंतिम परीक्षा में भी शामिल होना है। अदालत ने जोर देकर कहा कि इन सभी चरणों के पूरा होने तक उम्मीदवारों को पाठ्यक्रम पूरा करने वाला नहीं माना जा सकता।
याचिकाकर्ताओं का तर्क क्या था?
याचिकाकर्ताओं ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आईसीडीईओएल प्रणाली के तहत बीएड की लिखित परीक्षा दी थी। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि विश्वविद्यालय को परिणाम तुरंत घोषित करने का निर्देश दिया जाए। उनका तर्क था कि टीजीटी पदों के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 30 अगस्त है। परिणाम के बिना वे इन पदों के लिए आवेदन के पात्र नहीं हैं।
विश्वविद्यालय ने क्या बताया?
विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने अदालत में जानकारी दी कि बीएड डिस्टेंस मोड कार्यक्रम में वार्षिक परीक्षा प्रणाली है। बीएड पाठ्यक्रम 2023-25 के परिणाम अभी घोषित नहीं किए गए हैं। छात्रों का दो महीने का स्कूल शिक्षण अभ्यास चल रहा है जो 4 अगस्त से 28 अगस्त तक निर्धारित है।
आगे की प्रक्रिया क्या है?
शिक्षण अभ्यास पूरा होने के बाद नवंबर 2025 के पहले सप्ताह में 250 अंकों की अंतिम शिक्षण अभ्यास परीक्षा होगी। इन सभी प्रक्रियाओं के सफल समापन के बाद ही अंतिम परिणाम घोषित किए जाएंगे। विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया कि दो महीने का शिक्षण अभ्यास एनसीटीई मानदंडों के अनुसार बीएड पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा है।
