Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने वन भूमि पर लगाए गए अवैध बगीचों से प्राप्त सेब की नीलामी का पूरा रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति बीसी नेगी की पीठ ने वन विभाग को यह जानकारी 22 नवंबर तक उपलब्ध कराने को कहा है। कोर्ट ने बोली प्रक्रिया में भाग लेने वाले और फसल खरीदने वाले लोगों का विवरण भी मांगा है।
यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पारित किया गया। पीठ ने मुख्य वन संरक्षक को स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से यह जानकारी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वन विभाग को यह कार्य निर्धारित तिथि से पहले पूरा करना होगा। इससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन
हाईकोर्ट नेसुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले का हवाला दिया। टीएन गोदावर्मन थिरुमुलपाद बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई 2025 को आदेश पारित किया था। इसके तहत सभी राज्य सरकारों को वन भूमि से अवैध कब्जा हटाने के निर्देश दिए गए थे। भूमि को मुक्त कराने के बाद वन विभाग को सौंपना जरूरी बताया गया था।
राज्य सरकार की रिपोर्ट नाकाफी
कोर्ट नेराज्य सरकार द्वारा पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट को अपर्याप्त पाया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा 19 सितंबर 2025 को दायर की गई रिपोर्ट को अस्पष्ट और अधूरा बताया गया। पीठ ने कहा कि इस रिपोर्ट में वन भूमि से अवैध कब्जा हटाने के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई। फसलों की नीलामी की प्रक्रिया के बारे में भी स्पष्टता नहीं थी।
नीलामी प्रक्रिया पर सवाल
अदालत नेवन भूमि से प्राप्त फसलों की नीलामी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए। न्यायाधीशों ने बोली प्रक्रिया में भाग लेने वाले सभी लोगों का विवरण मांगा। उन लोगों के नाम भी जानने चाहे जिन्हें फसल बेची गई। इससे नीलामी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी। अदालत इस मामले में गहन जांच कर रही है।
वन विभाग के अधिकारी इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर रहे हैं। उन्हें अदालत के आदेशों का पालन सुनिश्चित करना है। विभाग को निर्धारित तिथि से पहले सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इस मामले में अगली सुनवाई नवंबर के अंतिम सप्ताह में होने की संभावना है। तब तक सभी रिकॉर्ड तैयार रखने का निर्देश दिया गया है।
