शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल प्रदेश: हाई कोर्ट ने बेसहारा पशुओं की गणना का दिया आदेश

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को सड़कों पर घूमने वाले बेसहारा पशुओं की जिलावार गणना करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सभी गो अभयारण्यों में रखे गए पशुओं का विवरण भी मांगा है। बेसहारा पशुओं को टैग करने के लिए भी कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।

मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश जारी किया। उन्होंने एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि गणना से भविष्य की योजना बनाने में मदद मिलेगी।

पशुपालन विभाग ने पेश किए आंकड़े

पशुपालन विभाग के सचिव ने हलफनामे में बताया कि 21,306 पशुओं को गो अभयारण्य और गोशालाओं में रखा गया है। राज्य में currently 15 गो अभयारण्य कार्यरत हैं। सात अभयारण्य निर्माणाधीन हैं। यह जानकारी कोर्ट में पेश की गई।

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याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान गणना से ही संभव है। सही आंकड़े मिलने पर ही सरकार प्रभावी योजना बना सकेगी। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी।

विभिन्न गो अभयारण्यों की स्थिति

लुथान स्थित राधे कृष्ण गोधाम गो अभयारण्य में आठ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यहां तुड़ी स्टोर का 65 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। इस अभयारण्य का रखरखाव ज्वालामुखी मंदिर ट्रस्ट करेगा।

पितृतर्पण गोसदन में क्षमता से अधिक पशु रखे गए हैं। यहां 30 पशुओं की क्षमता के बजाय 35 पशु हैं। इससे अभयारण्यों में जगह की कमी का पता चलता है।

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कुंदन गो अभयारण्य का प्रबंधन

कुंदन गो अभयारण्य को मार्च 2025 में पशुपालन विभाग को सौंपा गया था। इसे देवभूमि गोरक्षा फाउंडेशन को सौंपा गया है। उपायुक्त ने इसके संचालन के लिए एक समिति गठित की है।

समिति में आधिकारिक और गैर-आधिकारिक सदस्य शामिल हैं। यह समिति अभयारण्य के प्रबंधन की निगरानी करेगी। इससे पशुओं की बेहतर देखभाल सुनिश्चित होगी।

हाई कोर्ट का यह आदेश बेसहारा पशुओं की समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। गणना और टैगिंग से पशुओं के प्रबंधन में सुधार होगा। सड़क सुरक्षा भी बेहतर होगी।

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