Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दिव्यांग कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने तबादला नीति को लेकर अहम फैसला सुनाया है। अब Himachal Pradesh में तबादलों में छूट के लिए 40 फीसदी दिव्यांगता ही काफी होगी। पहले यह सीमा 60 फीसदी थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पुराने नियमों को अब नए कानून के हिसाब से पढ़ा जाए। यह फैसला हजारों कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
क्या है हाईकोर्ट का नया आदेश?
न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और रोमेश वर्मा की खंडपीठ ने यह सुनवाई की। उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 का हवाला दिया। इस कानून में 40 फीसदी दिव्यांगता को बेंचमार्क माना गया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार की 2013 की नीति में 60 फीसदी की शर्त लिखी थी। लेकिन अब उसे 40 फीसदी ही पढ़ा जाना चाहिए। Himachal Pradesh सरकार के विभाग को इसे स्वीकार करना होगा।
रामपुर के शिक्षक ने दी थी चुनौती
यह पूरा मामला शास्त्री अध्यापक सुशील से जुड़ा है। वे रामपुर के एक स्कूल में तैनात हैं। सुशील 40 फीसदी से अधिक दिव्यांग हैं। उन्होंने रामपुर के पास ही किसी स्कूल में नियुक्ति मांगी थी। शिक्षा विभाग ने उनकी अर्जी खारिज कर दी थी। विभाग ने तर्क दिया था कि Himachal Pradesh की नीति के अनुसार केवल 60 फीसदी दिव्यांगता वालों को ही छूट मिलती है। इसके खिलाफ उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
विभाग को सात दिन का समय
हाईकोर्ट ने विभाग के 22 मई 2025 के आदेश को रद्द कर दिया है। अदालत ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्हें याचिकाकर्ता के आवेदन पर दोबारा विचार करना होगा। इसके लिए 40 फीसदी के मानक को आधार बनाना होगा। कोर्ट ने सात दिनों के भीतर तर्कसंगत आदेश जारी करने को कहा है। साथ ही याचिकाकर्ता को दो दिनों में अपनी पसंद के स्टेशन बताने की छूट मिली है। हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि दिव्यांगता के आधार पर एक ही जगह जमे रहना कानूनी अधिकार नहीं है।
