Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने सोलन जिले के नालागढ़ क्षेत्र में चल रहे अवैध धंधे पर सख्त निर्देश जारी किए हैं। अदालत ने साफ कहा है कि अवैध खनन में पकड़े गए वाहनों का अब सिर्फ चालान नहीं कटेगा। पुलिस को ऐसे वाहनों को जब्त (कुर्क) करना होगा। हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण नियमों की अनदेखी करने वालों पर अब कानूनी शिकंजा कस जाएगा।
सिर्फ चालान से नहीं चलेगा काम
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया की खंडपीठ ने पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि एसपी सोलन और बद्दी को नियमों का पालन सख्ती से कराना होगा। पकड़े गए वाहनों पर खान और खनिज अधिनियम 1957 के तहत कार्रवाई होगी। वाहनों को कठोर शर्तों पर ही छोड़ा जाएगा। अदालत ने माना कि केवल जुर्माना लगाना काफी नहीं है। खनन माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।
हर महीने होगी क्रशर की जांच
अदालत ने अधिकारियों को निगरानी बढ़ाने का भी आदेश दिया है। अब अधिकारियों को स्टोन क्रशर इकाइयों का हर महीने निरीक्षण करना होगा। इसके अलावा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को भी जिम्मा सौंपा गया है। उन्हें हर चार महीने में क्रशर परिसर की जांच करनी होगी। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने यह फैसला हंदूर पर्यावरण मित्र संस्था की जनहित याचिका पर सुनाया है।
लाखों का जुर्माना और गाड़ियां जब्त
कोर्ट को बताया गया कि नियमों का उल्लंघन करने वाली 8 स्टोन क्रशर इकाइयों से भारी जुर्माना वसूला गया है। इनसे पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में कुल 75,25,800 रुपये लिए गए हैं। पुलिस अधीक्षक बद्दी ने कोर्ट में अपना हलफनामा पेश किया। उन्होंने बताया कि जुलाई 2025 तक अवैध खनन की 51 एफआईआर दर्ज की गई हैं। कार्रवाई के दौरान 30 जेसीबी, 44 टिप्पर और अन्य वाहन जब्त किए गए हैं।
