Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने गुरुवार को दो अलग-अलग महत्वपूर्ण मामलों में सुनवाई की। अदालत ने शिक्षा विभाग को शास्त्री के 193 पदों को जल्द से जल्द भरने का निर्देश दिया है। वहीं, एक अन्य फैसले में कोर्ट ने क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने आर्थिक अपराधों को समाज के लिए गंभीर खतरा बताया है। हिमाचल प्रदेश में नौकरियों और धोखाधड़ी से जुड़े इन फैसलों पर सबकी नजर है।
शास्त्री के 193 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू
न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत में शिक्षा विभाग ने अपना पक्ष रखा। विभाग ने हलफनामा दायर कर बताया कि शास्त्री के 193 पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह भर्ती बैचवाइज आधार पर हो रही है। अदालत ने विभाग को आदेश दिया कि इस काम को बिना देरी के पूरा किया जाए। याचिकाकर्ताओं ने 2013 से 2015 बैच के आधार पर नियुक्ति की मांग की थी। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इन राहतों पर विचार करते हुए विभाग को निर्देश जारी किए।
योग्यता सुधार पर स्पष्टीकरण
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिन उम्मीदवारों ने अपनी योग्यता में सुधार किया है, उन्हें मौका दिया गया है। यह निर्णय 2016 के ट्रिब्यूनल फैसले के तहत लिया गया है। नियम के मुताबिक, डिग्री सुधार के वर्ष के बजाय डिग्री पास करने के मूल वर्ष को ही माना जाएगा। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पाया कि इस प्रक्रिया में कोई अवैधता नहीं है। विनोद कुमार शर्मा मामले का फैसला अब अंतिम रूप ले चुका है।
क्रिप्टो करेंसी ठगी में जमानत नहीं
दूसरे मामले में न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की अदालत ने सख्त रुख अपनाया। कोर्ट ने क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी के आरोपी विजय कुमार जुनेजा को जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि यह एक गंभीर आर्थिक अपराध है। इससे हिमाचल प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे अपराध समाज के लिए खतरा हैं।
मुख्य आरोपी दुबई भागा, कोर्ट ने जताई आशंका
अदालत ने नोट किया कि इस घोटाले का मुख्य आरोपी सुभाष शर्मा दुबई भाग चुका है। कोर्ट ने आशंका जताई कि अगर विजय कुमार को जमानत मिली तो वह भी न्याय से भाग सकता है। बचाव पक्ष ने आरोपी के लंबे समय से जेल में होने की दलील दी थी। हालांकि, कोर्ट ने इसे नाकाफी माना। सार्वजनिक धन के भारी नुकसान को देखते हुए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
