Shimla News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि जिस व्यक्ति ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है, वह भी दोबारा सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है। यह फैसला एक पूर्व पुलिस कांस्टेबल की याचिका पर सुनाया गया।
न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की पीठ ने यह आदेश पारित किया। अदालत ने पंजाब पुलिस नियम 12.25 की व्याख्या करते हुए स्पष्ट किया। यह नियम केवल उन्हीं लोगों पर लागू होता है जिन्हें क्षतिपूर्ति के साथ सेवा से मुक्त किया गया हो। जिन्होंने स्वेच्छा से रिटायरमेंट लिया है, वे इससे अलग हैं।
याचिकाकर्ता प्रेमलाल राव 1986 में पुलिस कांस्टेबल बने। उन्हें बाद में हेड कांस्टेबल और एएसआई के पद पर पदोन्नति मिली। साल 2012 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन दिया, जिसे मंजूरी मिल गई। दो साल बाद उन्होंने फिर से नौकरी के लिए आवेदन किया।
पुलिस विभाग ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया। विभाग का कहना था कि नियम 12.25 उनके मामले पर लागू नहीं होता। इसके बाद प्रेमलाल ने हाईकोर्ट का रुख किया और न्याय पाने में सफल रहे।
अदालत ने विभाग को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ता के आवेदन पर दो सप्ताह के भीतर विचार करे। साथ ही, उन्हें पुनः नियुक्त करने का आदेश भी दिया गया है। यह फैसला ऐसे कई लोगों के लिए मिसाल बन सकता है जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति और अन्य तरीकों से हुई सेवामुक्ति में अंतर है। नियम का गलत व्याख्या करके किसी के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता। इस फैसले से सरकारी नौकरी में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वालों के मन में उम्मीद जगी है।
